Sridharan Sharath: जो कभी खुद सलेक्ट नहीं हुआ, अब वह चुनेगा इंडियन टीम, कितनी मजबूत है नई सिलेक्शन कमिटी?

new Indian selection committee: सीनियर सिलेक्शन कमिटी में साउथ जोन से चुने गए एस शरत ने भारतीय टीम के लिए एक भी मैच नहीं खेला है। सेंट्रल जोन से एस.एस. दास, ईस्ट से सुब्रतो बनर्जी और वेस्ट जोन से सलिल अंकोला चयनकर्ता बनाए गए हैं।

नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट टीम में एंट्री का एक प्रोसेस है। 5 मेंबर्स वाली सीनियर चयन समिति किसी भी दौरे, छोटी-मोटी सीरीज या आईसीसी इवेंट्स के लिए टीम चुनती है। बीसीसीआई ने शनिवार शाम नई चयन समिति का ऐलान किया। चेतन शर्मा को दोबारा चेयरमैन बनाया गया है, जिन्हें टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के बाद हटा दिया गया था। पांच पदों के लिए आए लगभग उम्मीदवारों में से 11 लोगों को शॉर्टलिस्ट किया गया था, जिसके बाद नई सिलेक्शन कमिटी बनी। नई कमिटी में अध्यक्ष चेतन शर्मा के अलावा, पूर्व बल्लेबाज शिव सुंदर दास, सुब्रतो बनर्जी, एस शरत और पूर्व तेज गेंदबाज सलील अंकोला शामिल हैं।

एस. शरत ने कोई मैच नहीं खेला

चेतन की नई टीम में पूरी तरह से नए चेहरे हैं, जिसमें साउथ जोन के चयनकर्ताओं के जूनियर अध्यक्ष एस. शरत को प्रमोशन मिला है। तमिलनाडु के पूर्व कप्तान शरत इस पैनल में इकलौते ऐसे खिलाड़ी है, जिन्होंने भारत के लिए नहीं खेला है, लेकिन घरेलू क्रिकेट में रनों का अंबार लगाया है। 1992-2008 के बीच उन्होंने 139 प्रथम श्रेणी मैच और 116 लिस्ट ए मैच खेले हैं। वह तमिलनाडु की ओर से 100 रणजी मैच खेलने वाले एकमात्र क्रिकेटर भी हैं। संन्यास के बाद उन्होंने जूनियर क्रिकेटर्स पर काम किया। बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, ‘शरत प्रतिभा परखने के मामले में शानदार है। उन्होंने अंडर-19 क्रिकेट को करीब से देखा है। जूनियर खिलाड़ियों के कौशल के बारे में उनकी समझ अच्छी है।’

कितनी मजबूत है नई सिलेक्शन कमिटी

शिवसुंदर दास और चेतन शर्मा दोनों ने भारत के लिए 23-23 टेस्ट खेले है, लेकिन चेतन के 65 एकदिवसीय मैच के मुकाबले दास ने सिर्फ चार एकदिवसीय मैच खेले है। चेतन का टेस्ट करियर 1984 में शुरू हुआ था जबकि दास ने 2000 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था। सुब्रतो बनर्जी ने पिछली बार भी आवेदन किया था, लेकिन देबाशीष मोहंती से हार गए थे। बनर्जी एक प्रतिष्ठित गेंदबाजी कोच रह चुके हैं और वर्तमान भारतीय तेज गेंदबाज उमेश यादव के निजी कोच भी हैं। वह विदर्भ की रणजी ट्रॉफी विजेता टीम के गेंदबाजी कोच थे। जहां तक अंकोला का सवाल है तो मुंबई जैसी प्रथम श्रेणी कर बड़ी टीम के चयनकर्ताओं के अध्यक्ष होने के उनके अनुभव ने उनके पक्ष में काम किया।
क्या सीनियर्स को ड्रॉप कर पाएंगे?
क्या इस सिलेक्शन कमिटी को इतनी ताकत दी गई है कि वह आउट ऑफ होने पर किसी सीनियर खिलाड़ी को ड्रॉप कर पाए ये देखने वाली बात होगी। पूर्व में संदीप पाटील, दिलीप वेंगसरकर की अगुवाई वाली सिलेक्शन समितियों ने ऐसे कड़े फैसले लिए हैं। जाते-जाते बताते चलें कि टी-20 विश्व कप में भारतीय टीम के सेमीफाइनल से बाहर होने के कारण बीसीसीआई ने पूरी चयन समिति ही भंग कर दी थी, लेकिन दो महीने बाद अब चेतन शर्मा को दोबारा वरिष्ठ चयन समिति के अध्यक्ष के रूप में फिर से नियुक्त किया गया।