शाहरुख खान की सबसे सफल फिल्मों में से एक ‘कुछ कुछ होता है’ सिर्फ राहुल-अंजलि-टीना के बारे में नहीं थी. फिल्म में रिफत बी, दादी, अमन और मिसेज ब्रिगेंजा जैसे कई यादगार किरदार भी थे. इन्हीं में एक ऐसा चाइल्ड एक्टर भी था जो सबके दिलों में बस गया.
आपको याद हैं छोटे सरदार जी?
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क्या आपको ‘तुस्सी जा रहे हो, तुस्सी ना जाओ ना’ बोलने वाले छोटे सरदार जी याद हैं? उस नन्हें सरदार जी का ये किरदार परजान दस्तूर ने निभाया था, जिसे तारे गिनना बहुत पसंद था.
कुछ कुछ होता है के 25 साल बाद, परजान ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर शाहरुख खान के साथ अपनी तस्वीरें साझा करते हुए अपने प्रशंसकों और फॉलोअर्स को पुराने दिनों की याद दिलाई है.
25 साल बाद शेयर की शाहरुख के साथ फ़ोटो
पहली फोटो मुस्कुराते हुए परजान और शाहरुख की है. शाहरुख ऑल-ब्लैक आउटफिट (ब्लैक शर्ट, ब्लैक कोट) में नजर आ रहे हैं, वहीं परजान भी सूट पहने हुए हैं. परजान ने कुछ कुछ होता है के सेट से एक तस्वीर भी साझा की. उन्होंने अपने पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि, “जब परजान पठान से मिले #पठान #ब्लॉकबस्टर.”
फैंस ने इन तस्वीरों पर खूब प्यार लुटाया
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एक फैन ने लिखा, वाह!!! तारे गिनने वाले लड़के से लेकर यहां तक. मुझे उम्मीद है कि आप एक दिन फिर से बड़े पर्दे पर होंगी. आप बहुत प्रतिभाशाली हैं.”
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कौन हैं परजान दस्तूर?
बॉलीवुड फिल्म कुछ कुछ होता है में, परजान ने एक आकर्षक छोटे पंजाबी लड़के की भूमिका निभाई, जिसे सितारे गिनना पसंद था. दर्शक उन्हें काजोल से कही गई उस पंक्ति के लिए हमेशा याद रखेंगे, “तुस्सी जा रहे हो, तुस्सी ना जाओ.
KKHH में छोटे सरदार जी की भूमिका निभाने से पहले, उन्हें 1990 के दशक में आए धारा ऑयल के विज्ञापन में शरारती मुस्कान और जलेबियों की थाली के साथ भागे हुए लड़के के रूप में जाना जाता था.
दर्शक चार साल के बच्चे की तस्वीर कभी नहीं भूलेंगे, जो गुस्से में घर से भाग जाता है, लेकिन अपनी मां द्वारा बनाई जलेबियों की याद में वापस फिर घर लौट आता है. उसकी चीनी की चाशनी से चिपकी उंगलियां सबको याद रहेंगी.
अब परजान 31 साल के हो चुके हैं. उन्होंने प्रिंट से बात करते हुए अपने पुराने दिनों को याद किया और कहा, “मैं हमेशा की तरह भूखा था क्योंकि मेरी मां मुझे प्रीस्कूल के बाद सीधे सेट पर शूट करने के लिए लाई थीं. ऐसे मैं जलेबी बॉय बन गया.”
उन्होंने दिप्रिंट को यह भी बताया कि फिल्म निर्माता नमिता रॉय घोष और सुबीर चटर्जी ने शूट के आखिरी मिनट में पीले रंग की टी-शर्ट और नीली डंगरी पहनने का अनुरोध किया. जिसके बाद ये धारा का सिग्नेचर आउटफिट बन गया और यह विज्ञापन इतना प्रसिद्ध हो गया कि यह आधे दशक तक टीवी पर प्रसारित हुआ.