नाहन, 15 सितंबर : हिमाचल प्रदेश के ट्रांसगिरि क्षेत्र के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिलवा कर जयराम सरकार ने कांग्रेस के बाउंसर पर सिक्सर मारा है। दरअसल, हाटी को जनजातीय दर्जा देने की मांग पर कांग्रेस ने चुप्पी साध रखी थी।
उम्मीद थी कि अनुसूचित जनजाति की मांग को पूरा करना मोदी सरकार के लिए नामुमकिन होगा, लिहाजा शिलाई के विधायक व उप नेता प्रतिपक्ष हर्षवर्धन चैहान खामोश थे। वहीं, रेणुका जी के विधायक विनय कुमार भी इस मसले पर ये सोच कर चुप्पी साधे हुए थे कि ये मांग पूरी नहीं होगी, लिहाजा चुनाव में भाजपा को बाउंसर लगेगा। इसी दौरान अनुसूचित जाति ने भी इस बात का विरोध शुरू कर दिया था कि गिरिपार को ये दर्जा नहीं दिया जाना चाहिए।
ऐसा भी बताया जा रहा था कि एससी समुदाय के विरोध के मद्देनजर कांग्रेस ने ये चाणक्य नीति बनाई थी कि चुप्पी ही बेहतर विकल्प है। उल्लेखनीय है कि सिरमौर में श्री रेणुका जी व पच्छाद हलके अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं।
इसी बीच मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने फ्रंट फुट पर बैटिंग करते हुए मोदी सरकार को इस मांग को पूरा करने के लिए राजी कर लिया।
खास बात ये रही कि महज एक पंक्ति में 60 साल पुरानी मांग पूरी हो गई। शिलाई के पूर्व विधायक बलदेव तोमर बेहद ही आत्मविश्वास से ये कहते नजर आ रहे थे कि अगर एसटी का स्टेटस नहीं मिला तो वो वोट मांगने नहीं जाएंगे।