एडीए, आवास विकास, नगर निगम, औद्योगिक निगम व निजी बिल्डर्स ने अपनी रकम वसूल कर बिना रजिस्ट्री संपत्तियों पर कब्जा दे दिया। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है।
आगरा में प्राइवेट बिल्डर्स ही नहीं, सरकारी संस्थाएं भी स्टांप के नाम पर सरकार को चूना लगा रही हैं। आगरा विकास प्राधिकरण, आवास विकास परिषद, राज्य औद्योगिक निगम, नगर निगम व अन्य विभागों की विभिन्न योजनाओं के तहत बने 10,573 फ्लैट, मकान, दुकान व अन्य संपत्तियों में 165.38 करोड़ रुपये की स्टांप चोरी मिली है। अपनी रकम लेकर बिना रजिस्ट्री संपत्तियों पर कब्जे बांट दिए गए। स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की 31 मई 2022 को आई रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है।
स्टांप एवं रजिस्ट्रेशन विभाग की इस रिपोर्ट के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा है। बिना रजिस्ट्री संपत्तियां बेचने व कब्जा देने के मामले में संबंधित विभागों को नोटिस जारी किए गए हैं। उनकी संपत्तियों का स्टांप मूल्य तय करते हुए रजिस्ट्री कराने के निर्देश दिए हैं। ऐसा नहीं करने पर आवंटियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज होगी। विभाग अध्यक्षों से भी जवाब-तलब किया जाएगा।
एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि सरकारी व निजी संस्थाओं द्वारा बनाई संपत्तियां चिह्नित कर ली गई हैं। कब्जेदारों को सब रजिस्ट्रार नोटिस जारी कर रहे हैं। बिना रजिस्ट्री कब्जा देने से विभाग को 165 करोड़ रुपये का स्टांप नहीं मिला है। जिसकी वसूली एक जुलाई से अभियान चलाकर की जाएगी। इस संबंध में सभी तहसीलों के उप निबंधकों को निर्देश दिए गए हैं।