राजगढ़ में मनाए जा रहे तीन दिवसीय पारंपरिक बैशाखी मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या में स्टार कलाकार अरविंद राजपूत व प्रदेश सुप्रसिद्व कलाकार डॉ मदन झालटा, कुमार साहिल, प्रदीप शर्मा व अन्य कलाकारों ने अपने सुरीले एवं रसीले गानों से लोगों का खूब मनोरंजन करवाया।
स्टार कलाकार अरविंद राजपूत ने ईक हसीना थी ईक दिवाना था, ऐसे लहरा के वो रूबरू आ गई, जट यमला पगला दिवाना गानों से दर्शकों को थिरकने पर मज़बूर किया। जबकि प्रसिद्ध कलाकार डॉ मदन झालटा ने माला-रे-माला-रे, गुडोरी बेली रे, उन्दी चाली मेले खे रेणूका रे, कुमार साहिल ने तेरे मेरे मिलने का मौसम आ गया, हाय नखरा तेरा, कजरा मोहोबत वाला और प्रदीप शर्मा ने रूप दिता नारणे, लाना भाई मोज़रा, काला भाषा कौवा गाने गा कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया।
गत सांय नेहरू ग्राउंड राजगढ़ में आयोजित दूसरी सांस्कृतिक संध्या में अध्यक्ष कलगीधर ट्रस्ट व कुलपति इटरनल यूनिवर्सिटी बडू साहिब ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होेंने कहा कि बैशाखी का मेला एक विशेष पर्व है और यह बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है। राजगढ़ में भी हर वर्ष इसे बडे़ हर्ष व उल्लास के साथ मनाया जा रहा है व बहुत ही आनंदमयी वातावरण है।
उन्होंने कहा कि यह पर्व तकरीबन सभी प्रांतों में बडे़ धूमधाम से मनाया जाता है। सिख समुदाय के लिए बैसाखी का पर्व बहुत ही महत्वपूर्ण है और इसे नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है। इससे पूर्व अध्यक्ष मेला कमेटी एवं एसडीएम राजगढ़ यादविंद्र पॉल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए शॉल व स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर तहसीलदार उमेश शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।