जो लोग कहते हैं कि खेती-किसानी में कुछ नहीं रखा है. उन्हें हिमाचल प्रदेश के सेईकोठी में रहने वाले लोभी राम से मिलना चाहिए. लोभी राम वो किसान हैं, जिन्होंने औषधीय पौधों की खेती के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी. एक वक्त में लोभी राम कृषि विभाग में अनुबंध पर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की नौकरी करते थे. मगर, खेती के प्रति प्यार के चलते 1999 में उन्होंने अपनी नौकरी को अलविदा कह दिया था.
मौजूदा समय में लोभी राम न सिर्फ अच्छी खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं बल्कि सैकड़ों लोगों को रोजगार भी दे चुके हैं. उनके खेतों से निकले औषधीय पौधों की देश के कई राज्यों में डिमांड हैं. महाराष्ट्र, किन्नौर, पुणे, दिल्ली, कोलकाता, और बंगलूरू जैसे कई अन्य राज्यों में वो अपनी जड़ी-बूटियों का निर्यात करते हैं.
शुरुआत में लोभी राम अपने खेतों में ही औषधीय पौधे उगाते थे. बाद में उन्होंने गांव के आसपास की जमीन लीज पर लेकर अपना काम बढ़ा लिया. अब वो करीब 400 बीघा जमीन पर औषधीय पौधों की खेती करते हैं. अपने काम के लिए लोधीराम अलग-अलग मंचों पर सम्मानित किए जा चुके हैं. राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए भी उनका नाम नामांकित किया जा चुका है.