कहते हैं कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता. इंसान अगर पूरी शिद्दत से मेहनत करता है तो उसे सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. हिमाचल में मंडी के सरकाघाट के अप्पर बरोट से आने अजय कुमार इसका एक बड़ा उदाहरण हैं. एक समय में अजय वीडियोकॉन जैसी बड़ी कंपनी में कस्टमर सर्विस एग्जिक्यूटिव की नौकरी करते थे. मगर, अब उन्हें इलाके भर के लोग मशरूम की खेती के लिए जानते हैं.
महज, 30 साल की उम्र में अजय न सिर्फ मशरूम के काम से सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. बल्कि, बेरोजगारों को प्रशिक्षित कर उन्हें रोजगार से भी जोड़ रहे हैं. बीएससी बायोटेक्नोलॉजी की पढ़ाई के बाद अजय की नौकरी जालंधर में वीडियोकॉन कंपनी में लगी थी. कई सालों तक उन्होंने बतौर कस्टमर सर्विस एग्जिक्यूटिव अपनी सेवाएं दी. उनकी जिंदगी ट्रैक पर थी.
मगर अपना काम शुरू करने की इच्छा के चलते उन्होंने अपनी मोटी सैलरी वाली नौकरी छोड़ दी और मशरूम की खेती में अपनी किस्मत आजमाई. शुरुआत में उन्हें तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा, मगर उन्होंने हार नहीं मानी. अंतत: उनकी मेहनत रंग लाई. उनका बिजनेस चल पड़ा है. आज वो अपने घर पर ही आएस्टर मशरूम के 200 से 300 बैग तैयार करने में सक्षम हैं.
इस काम में उनका पूरा परिवार उनका साथ देता है. उनके द्वारा तैयार किए गए ओएस्टर मशरूम की मार्केट में खूब डिमांड हैं. परिणाम स्वरूप वो अच्छी कमाई कर रहे हैं और दूसरों को भी तैयार कर रहे हैं.