वार्ड 17 में भाजपा की करारी हार हुई | इस वार्ड में भाजपा तीसरे स्थान पर रही | जिसे देख कर ऐसा लगता है कि इस वार्ड में भाजपा द्वारा चलाया गया चुनावी अभियान या तो सही से नहीं चल पाया या जो प्रत्याशी भाजपा द्वारा यहाँ खड़ा किया गया वह इस वार्ड की जनता का दिल नहीं जीत सका | इस वार्ड में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी दौरा किया | यही नहीं इस वार्ड में भाजपा की जीत हो इसके लिए भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष रतन सिंह पाल को वार्ड का प्रभारी बनाया गया था | जिनके साथ और 6 दिग्गज नेताओं को सहयोगी बनाया गया था |
भाजपा उपाध्यक्ष रतन पाल से बसाल वासियों को काफी उम्मीदें थी क्योंकि रतनपाल की सिफारिश पर ही यहाँ से राजेश ठाकुर को टिकट दी गई थी | रतन पाल ने इस सीट को जीतने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया |रतनपाल ने आज़ाद उम्मीदवारों को शांत कर उन्हें भाजपा में शामिल करने में कामयाबी हासिल कर ली थी। यहां तक कि गांवों को नगर निगम में शामिल करने के विरोध में उतरी संघर्ष समिति के सदस्यों को भी अपने पक्ष में कर लिया था।वार्ड के नेताओं को आशा थी कि रतन पाल कोई जादूई करिश्मा दिखाएंगे और जीत भाजपा की होगी | परिणाम बिलकुल उल्ट आए |
आप को बता दें कि विधानसभा चुनावों में रतन सिंह पाल ने छे बार मुख्यमंत्री रह चुके वीरभद्र सिंह को कड़ी टककर दी थी | यही वजह है कि अर्की के नेताओं को उनसे बहुत सी आशाएं थी | लेकिन जिला परिषद अर्की में भी उनका जादू नहीं चल पाया और न सोलन में वह कुछ कमाल कर पाए |