पिछले महीने चोरी हुई थी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति, अब अमेरिका के एक कबाड़खाने से हुई बरामद

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USA के कैलिफोर्निया के सैन जोस शहर के एक पार्क से पिछले महीने उत्तरी अमेरिका में छत्रपति शिवाजी की एकमात्र मूर्ति चोरी कर ली गई थी. अब ये मूर्ति एक मशहूर कबाड़खाने से बरामद की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जिस कबाड़खाने में छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति मिली है, वह अवैध गतिविधियों के लिए जाना जाता है.

पुणे शहर द्वारा भेंट की गई थी मूर्ति

बताया जा रहा है कि यह मूर्ति भारत के शहर पुणे की तरफ से 1999 में सैन जोस को उपहार स्वरूप भेंट की गई थी. द मर्करी न्यूज अखबार की खबर में जानकारी दी गई कि 31 जनवरी को ग्वाडालूप रिवर पार्क से यह मूर्ति चोरी होने की सूचना मिली थी. इस मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया गया था. अब 9 फरवरी को लगभग 200 किलोग्राम की यह मूर्ति एक कबाड़खाने में बरामद हुई.

चुराने के बाद कबाड़खाने में छोड़ गए

missing statue of chhatrapati shivaji maharajTwitter

इस मूर्ति चोरी के संबंध में अब पुलिस ने कबाड़खाने के कर्मचारियों से पूछताछ की है. लेकिन फिलहाल इस मामले में अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई. रिपोर्ट के मुताबिक, कबाड़खाने के कर्मचारियों ने ज्यादा जानकारी नहीं दी है. उन्होंने बस इतना बताया कि 29 जनवरी को दो पुरुष और एक महिला इस मूर्ति को यहां छोड़ गए थे.

क्षतिग्रस्त कर दी गई है मूर्ति

सैन जोस-पुणे सिस्टर सिटी ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष सुनील केलकर ने इस मामले में कहा कि, मूर्ति बरामद होने से हम खुश हैं लेकिन यह दुखद है कि मूर्ति के पैर काट दिए गए हैं. केलकर ने इस मूर्ति को पुन: स्थापित करने पर सवाल उठाया है.

रिपोर्ट में सैन जोस के अंतरराष्ट्रीय मामलों के प्रबंधक जो हेजेज के हवाले से कहा गया है, ‘प्रतिमा को वापस पाकर हम बहुत खुश हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे आशा है कि यह ऐसी स्थिति में है जहां इसे फिर से स्थापित किया जा सकता है और हमारे नागरिकों द्वारा आनंद लिया जा सकता है.’

रिपोर्ट के अनुसार, सैन जोस के मेयर मैट महान ने इस संबंध में कहा कि, ‘यह प्रतिमा हमारे भारतीय समुदाय के लिए अविश्वसनीय मूल्य रखती है, योद्धा-शासक शिवाजी के लिए हमारे साझा गौरव और सम्मान को गले लगाती है.’

बता दें कि, यह दूसरी बार है जब मराठा शासक की मूर्ति चोरी होने के बाद उसे बरामद किया गया है. इससे पहले इस मूर्ति को सैन जोस में लाए जाने के महीनों बाद एक घर से चुरा लिया गया था. बाद में एक मूर्ति एक स्थानीय शख्स को जॉगिंग करते हुए शहर के एक रास्ते पर मिली थी. रिपोर्ट के अनुसार, शहर में इस मूर्ति की स्थापना 2002 में की गई थी.