एसटीएफ ने शुरू की आयुष कॉलेजों में दाखिले की जांच, विभागीय अफसरों एवं प्रधानाचार्यों पर लटकी तलवार

आयुष कॉलेजों में दाखिले को लेकर हुई गड़बड़ी के सामने आने के बाद एसटीएफ ने जांच शुरू कर दी है। मामले में विभागीय अफसरों व प्रधानाचार्यों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के आयुष कॉलेजों के दाखिलों में हुई हेराफेरी के मामलों की जांच स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने शुरू कर दी है। डाटा फीडिंग करने वाली एजेंसी संचालक और उससे जुड़े लोग जांच एजेंसी के निशाने पर हैं। विभागीय अफसर और आयुष कॉलेजों के प्रधानाचार्यों पर भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है।

दरअसल आयुष कॉलेजों में 2021 में हुए दाखिलों में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की बात सामने आई है। मेरिट में कम अंक और नीट में शामिल न होने वालों को राजकीय और निजी आयुर्वेदिक, यूनानी एवं होम्योपैथिक कॉलेजों में प्रवेश दे दिया गया। विभिन्न कॉलेजों में ऐसे छात्रों की तलाश तेज कर दी गई है। कॉलेजों में जमा कराए गए छात्रों के दस्तावेज और निदेशालय में रखे गए दस्तावेज सील कर दिए गए हैं।

मामले में शनिवार को हजरतगंज कोतवाली में अपट्रॉन पॉवरट्रानिक्स लिमिटेड, उसके द्वारा नामित वेंडर कंपनी और उसके प्रतिनिधि कुलदीप सिंह व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई। इसके बाद जांच एसटीएफ के एडिशन एसपी विशाल विक्रम सिंह को सौंपी गई।

छात्र व निदेशालय कर्मी भी कार्रवाई की जद में
सूत्रों का कहना है कि एसटीएफ पहले डाटा तैयार करने वाली टीम को दबोचने की तैयारी में हैं। इसके बाद उन छात्रों को शिकंजा कसा जाएगा, जिन्हें गलत तरीके से दाखिला मिला। जांच एजेंसी उनके जरिए ही पूरे रैकेट का खुलासा कर सकती है। क्योंकि निदेशालय की टीम ऑफलाइन मैनुअल सत्यापन एवं प्रपत्र संरक्षित कर काउंसिलिंग प्रक्रिया में लगी थी, ऐसे में वहां के कर्मचारी भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। यहां से ही अलॉर्टमेंट लेटर लेने के बाद छात्रों को कॉलेजों में दाखिला दिया गया था।