नई दिल्ली. भारतीय शेयर बाजार से अब मंदी के बादल छंटते नजर आ रहे हैं. बेंचमार्क सूचकांकों ने बीते 17 जून 2022 को अपने 52-सप्ताह के निचले स्तर को तोड़ा था. इसके बाद से इनमें धीरे-धीरे रिकवरी आ रही है. इससे पता चलता है कि शेयर बाजार ने शायद अब अपने निचले स्तर को छू लिया है और अब यह ऊपर की ओर जाने को तैयार है. पिछले एक महीने की तेजी का असर यह हुआ है कि निवेशकों की संपत्ति 21 लाख करोड़ रुपये बढ़ गई है.
खास बात यह है कि अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने के बावजूद, शेयर बाजार ने तेजी की राह पकड़ी है. ग्लोबल बाजारों में रिकवरी, तेल की कीमतों में नरमी आने के साथ कुछ अन्य जरूरी कमोडिटी की कीमतें घटने से भारतीय शेयर बाजार को सहारा मिला है. वैश्विक परिस्थितियों के कुछ ठीक होने से विदेशी निवेशकों (FII) का विश्वास भी भारतीय बाजार में लौटा है और उन्होंने बिकवाली धीमी की है. पिछले कुछ महीनों में FIIs शुद्ध बिकवाल बने हुए थे.
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BSE में लिस्टेड कंपनियों का बाजार पूंजीकरण हुआ 256 लाख करोड़ रुपये
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार, बीएसई में लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन बढ़कर 256 लाख करोड़ रुपये हो गया है. एक महीने पहले 17 जून को यह 234.86 लाख करोड़ रुपये था. इस तरह कई महीनों की लगातार गिरावट के बाद पिछले एक महीने में निवेशकों की संपत्ति में इजाफा हुआ है और यह करीब 21 लाख करोड़ रुपये बढ़ी है.
इन सेक्टर्स ने उबारा बाजार
ऑटो, FMCG, कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर-ड्यूरेबल्स, इंडस्ट्रियल्स, ऑयल एंड गैस, रियल्टी और पावर सेक्टर की कंपनियों में खरीदारी बढ़ने से भी सेंटीमेंट को मजबूती मिली. इन सेक्टर्स में पिछले महीने 10 से 17 फीसदी की तेजी देखी गई और इसके बाद बैंकिंग सेक्टर भी करीब 9 प्रतिशत की उछाल दर्ज की गई.
महंगाई के भूत को पीछे छोड़ा
कुछ बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार अब महंगाई से नहीं डर रहा है. इसका सबूत है BSE सेंसेक्स और निफ्टी-50 में पिछले एक महीने में 6 फीसदी से अधिक की तेजी आई. BSE के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में क्रमश: 11 फीसदी और 12 फीसदी की तेजी देखी गई है.
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जियोजित फाइनेंशिनेंयल सर्विसेज के चीफ इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजिस्ट, वी के विजयकुमार ने बताया कि विदेशी निवेशकों की बिकवाली 21 अक्टूबर से बाजार को दबा रही थी. लेकिन अब विदेशी निवेशकों के व्यवहार में बदलाव आ रहा है. इस महीने भी वे शुद्ध बिकवाल बने हुए हैं, लेकिन इस महीने में कुछ दिन ऐसे भी रहे हैं, जब उन्होंने शुद्ध खरीदारी की. इसका मतलब है कि कुछ FPI कुछ सेगमेंट में वैल्यू देख रहे हैं.