शराब की दुनिया के ‘बिग ब्रदर’, पटियाला पेग के बनने की कहानी

यूं तो मैं शराब नहीं पीता, किन्तु एक ऐसे परिवेश से आता हूं, जहां शराब का सेवन आम है. मसलन साथियों के मुंह से ड्रिंक्स से जुड़े कई नाम सुनता रहता हूं. इनमें ‘पाटियाला पेग’ एक ऐसा नाम है, जिसका कभी न कभी सभी ने ज़िक्र किया. बॉलीवुड में कई गानें में भी इस पेग के नाम से फे़मस हैं. ऐसे में जानना दिलचस्प हो जाता है कि यह किसके दिमाग की उपज है और इसे ‘पटियाला पेग’ ही क्यों कहा जाता है:

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राजा भूपिंदर सिंह के साथ कनेक्शन

चंडीगढ़ में नेशनल हाईवे 1 पर एक जगह है राजपुरा. वहां से करीब 24 किमी. की दूरी पर एक शहर है पटियाला. 1890 के आसपास वहां एक महाराजा हुए करते थे. नाम था भूपिंदर सिंह. ये वही भूपिंदर सिंह है, जिन्होंने रोल्स रॉयस कारों को कचरा गाड़ी में बदल दिया था. ऐसे में आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि ये राजा कितने शाही अंदाज़ वाला रहा होगा. कहते हैं मौका कोई भी हो, भूपिंदर सिंह पार्टी करने से नहीं चूकते थे. अब पार्टी होगी, तो उसमें खाने-पीने की चीज़ें भी होंगी. 

‘पटियाला पेग’ का जन्म ऐसी ही एक पार्टी से हुआ. कथित तौर पर एक बार महाराजा ने अपनी सबसे बड़ी अंगुली से नापकर पेग बनाए. यह पेग आम पेग से बहुत बड़ा था. लिहाज़ा इसे ‘पाटियाला पेग’ की कहा जाने लगा.

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क्या है इससे जुड़ी प्रचलित कहानी?

वैसे ‘पटियाला पेग’ के जन्म से जुड़ी एक और कहानी प्रचलित है. इसके अनुसार, एक मौके पर आयरलैंड की पोलो टीम भारत के दौरे पर थी. उसे भारतीय टीम के साथ एक मैच खेलना था. भूपिंदर सिंह चाहते थे कि यह मैच हर हाल में भारत ही जीते. इसके लिए उन्होंने एक योजना बनाई. जिसके तहत आयरलैंड की टीम को पार्टी पर बुलाया गया, उन्हें शराब परोसी गई. 

पेग का साइज़ देखकर आयरलैंड के खिलाड़ियों ने पूछा कि पेग बड़ा क्यों है, तो उन्हें जवाब दिया गया यह ‘पटियाला पेग’ है. ये इतना ही बड़ा होता है. तब से जब भी कोई पेग बड़ा होता है, उसे ‘पटियाला पेग’ कहा जाता है. उदाहरण के लिए अगर किसी के पैग में 60 एमएल से ज़्यादा शराब होती है, तो उसे ‘पटियाला पैग’ कह जा सकता है.

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दुनिया भर में लोक्रप्रिय है ‘पटियाला पैग’ 

महाराज भूपिंदर सिंह के दौर में भले ही ‘पटियाला पैग’ सिर्फ मेहमानों को परोसा जाता था. मगर आज के दौर में शादी हो या पार्टी, ख़ास मौका हो, शराब पीने बैठे लोगों के बीच पटियाला पैग का ज़िक्र न हो, संभव ही नहीं. पंजाबी परिवारों, ख़ासकर सरदार और जाट समुदायों में इस पैग का इस्‍तेमाल बहुत होता है. भारत ने दुनिया को योग और चावल जैसी कई चीज़ें दी है. पटियाला पैग उसी सूची में एक नाम है.

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वैसे जिन लोगों को ‘पटियाला पेग’ पीने की आदत नहीं होती. उनके लिए इसकी मात्रा रिस्की हो सकती है. इस पेग में शराब की मात्रा ज़्यादा होने की वजह से बहुत कम लोग ही इसे झेल पाते हैं. तो जरा संभलकर इसे ट्राई करें.