मशरूम गर्ल की कहानी: इस बेटी ने नौकरी छोड़ मशरूम खेती अपनाई, आज 2 करोड़ रु का टर्नओवर हुआ,

Dehradun: हम एक कृषि प्रधान देश भारत में रहते हैं। यहाँ अधिकतर लोगो का मुख्या पेशा खेती-किसानी है। अब मॉर्डन जमाने में लोग पढ़ लिखकर खेती को कमतर आंकते हैं और बड़ी बड़ी नौकरी में जाना चाहते हैं। खेती का नाम सुनकर तो वे सोचते हैं की यह बेकार काम है।

आज हम आपको एक ऐसी बेटी के बारे में बताते जा रहे हैं, जिसने खेती के कार्य को सम्मान दिलवाया और उन सब बातों तो गलत भी साबित किया। ये वो लड़की है, जिसने अपनी अच्छी खासी नौकरी छोड़कर मशरूम की खेती करना शुरू किया और कुछ ही समय में करोड़पति बन गई। यह कामयाबी खेती से आई।

इस बेटी ने मशरुम की खेती की और कामयाबी पाई। कुछ सालों की मेहनत के बाद आज यह लड़की अपने राज्य उत्तराखंड (Uttrakhand) में ‘मशरूम गर्ल’ (Mushroom Girl) के नाम से प्रसिद्ध है। देहरादून (Dehradun) में रहने वाली 30 साल की दिव्या रावत (Divya Rawat) चमोली जिले की निवासी हैं। उनके पिता भारतीय सेना में थे। जब दिव्या 12वीं कक्षा में थी, तब उनके पिता का देहांत हो गया था। ऐसे में उनके लिए जीवन बड़ा ही कठिन हो गया था।

दिव्या ने 12वीं क्लास की पढाई के बाद एमिटी यूनिवर्सिटी नोएडा से बीएसडब्ल्यू और एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद प्राइवेट कंपनी में 25 हजार रुपए महीने की जॉब मिल गई। अलग अलग जगह 8 नौकरियां की, उसके बाद भी उनके मन को संतुष्ट नहीं मिली। वे कुछ और बढ़िया करना चाहती थी, तो वापस अपने घर लौट आई।

दिव्या ने अपने गांव (Mothrowala village) वापस आकर 2013 में देहरादून के मोथरोवाला में एक कमरे में मशरूम की खेती (Mushroom Ki Kheti) शुरू की। दिव्या ने 100 बैग मशरूप उगाकर अपना खुदका काम शुरू किया। फिर कुछ समय बाद उनका काम चलने लगा और कमाई होने लगी। उन्हें गावं से निकलकर उनके मशरूम दूसरी जगह भी बिकने लगे।

उनकी उगाई मशरूम की दून की मंडी से लेकर दिल्ली की आजादपुर मंडी तक बिकती है। अब वे मशरुम कंपनी बना चुकी थी। फिर दिव्या ने ट्रेनिंग टू ट्रेडिंग कॉन्सेप्ट पर काम करना शुरू किया। वे उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश के अलावा देश के अन्न राज्यों में गई। अब उनकी कंपनी के मशरूम और उनके प्रोडक्ट विदेशों में भी एक्सपोर्ट हो रहे हैं। ऐसे में उनकी कमाई भी काफी बढ़ी।

दिव्या मशरूम की खेती और बिजनेस (Mushroom Cultivation And Business) के माध्यम से लगभग 2 करोड़ रु से भी अधिक का सालाना कारोबार कर रही हैं। मशरूम उत्पादन और व्यवसाय में दिव्या ने इतना अच्छा काम किया की उन्हें उत्तराखंड राज्य सरकार ने ब्रांड एंबेसडर भी बना दिया। इसके अलावा साल 2017 में महिला दिवस के अवसर पर तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी जी ने भी उन्हें सम्मानित भी किया था।