भारतीय महिला क्रिकेट (Indian Women’s Cricket Team) को आज हम जिन बुलंदियों पर देख रहे हैं, इसके पीछ कई दिग्गजों का हाथ है. बीसीसीआई (The Board of Control for Cricket in India) ने हाल ही में अनाउंस किया कि वो पुरुष और महिला खिलाड़ियों को बराबर सैलरी देंगे. एक दौर ऐसा भी था जब महिला क्रिकेटर्स को न ज़्यादा सैलरी मिलती थी और न ही स्पॉन्सर्स. उस दौर में कई दिग्गजों ने महिला क्रिकेट टीम का सपोर्ट किया और उन्हीं में से एक हैं एक्टर-एंकर मंदिरा बेदी (Mandira Bedi). महिला क्रिकेट टीम को मज़बूत बनाने के लिए मंदिरा बेदी ने अपनी फ़ीस नहीं ली थी.
क्रिकेट की दुनिया का नामचीं चेहरा
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क्रिकेट की ऑफ ग्राउंड दुनिया का एक जाना-माना चेहरा हैं मंदिरा बेदी. उन्होंने क्रिकेट विश्व कप, चैंपियन्स ट्रॉफी और इंडियन प्रीमियर लीग होस्ट किया है. उन्होंने ऑफ स्क्रीन भी भारतीय क्रिकेट को सुदृढ़ बनाने का काम किया. जब महिला क्रिकेटर्स को ज़्यादा स्पॉन्सर्स नहीं मिलते थे, तब मंदिरा बेदी ने इस टीम का समर्थन किया. 2003-04 में ही उन्होंने तत्कालीन खिलाड़ियों, ममता माबेन और मिताली राज की काबिलियत को परख लिया था और टीम को सपोर्ट करने का निर्णय लिया था.
टीम को दिलाई स्पॉन्सरशिप
The Bridge के एक लेख के अनुसार, मंदिरा बेदी 2003-05 तक अस्मी नामक डायमंड ट्रेडिंग कोरपोरेशन की ब्रैंड एम्बेसेडर थी. मंदिरा बेदी ने ये सुनिश्चित किया कि अस्मी महिला क्रिकेट टीम को फरवरी 2004 में वेस्ट इंडीज़ दौरे के लिए स्पॉन्सर करे. मंदिरा बेदी ने दो साल के लिए कोई फ़ीस नहीं ली थी.
The Telegraph को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, ‘एंडोर्समेंट से जो पैसा मुझे मिलता वो क्रिकेट स्पॉन्सरशिप में लगाया जाएगा.’
अस्मी ने भी खुशी-खुशी टीम को सपोर्ट किया.
बता दें, एक वक्त ऐसा था जब महिला क्रिकेट टीम को पब्लिसिटी नहीं मिलती थी. पब्लिसिटी न मिलने की वजह से स्पॉन्सर्स भी नहीं मिलते थे. 2003-05 के बीच मंदिरा बेदी इंडियन क्रिकेट टीम की स्पॉन्सर थी. इस दौरान टीम ने भी बेहतर प्रदर्शन करना शुरू किया. मंदिरा बेदी के बाद कई कोरपोरेट्स ने भी टीम को स्पॉन्सर करना शुरू किया.