नई दिल्ली. आमतौर पर यह धारणा है कि उद्योगपतियों के मुकाबले रेहड़ी-पटड़ी वाले छोटे दुकानदारों को दिए गए लोन पर जोखिम ज्यादा रहता है. हालांकि ऐसा नहीं है. प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि (PM-Svanidhi) योजना के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को दिए गए कर्ज में सिर्फ 12-13 फीसदी नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स या डूबा हुआ कर्ज (NPA) बना है. केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने गुरुवार को यह जानकारी दी.
क्या है प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना
इस योजना के तहत एक साल के 10,000 रुपये का गारंटी-मुक्त कर्ज दिया जाता है. कारोबार बढ़ाने को लिए गए पहले कर्ज का भुगतान करने पर दूसरी और तीसरी बार में योजना के तहत क्रमश: 20,000 और 50,000 रुपये का कर्ज दिया जाता है.
पीएम-स्वनिधि योजना के तहत अब तक 3,592 करोड़ रुपये की राशि वितरित
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इस योजना के तहत अब तक 53.7 लाख आवेदन मिले हैं. इनमें से 36.6 लाख आवेदनों को मंजूरी दी गई है और 33.2 लाख को कर्ज का वितरण कर दिया गया है. बयान में कहा गया है कि योजना के तहत अब तक 3,592 करोड़ रुपये की राशि वितरित की गई है. 12 लाख रेहड़ी-पटरी वालों ने अपने पहले कर्ज का भुगतान कर दिया है.
क्या होता है एनपीए
एनपीए कर्ज और एडवांस के लिए एक वर्गीकरण को संदर्भित करती है जो डिफॉल्ट या बकाया राशि (एरियर) में हैं. कोई कर्ज एरियर में तब होता है जब मूलधन या ब्याज भुगतान में देरी होती है या उसे अदा नहीं किया जाता. कर्ज डिफॉल्ट तब होता है जब लेंडर लोन एग्रीमेंट को टूटा हुआ मानते हैं और कर्ज लेने वाला देयता को पूरा करने में अक्षम होता है.