Strict action will be taken against BJP workers protesting against the state government on the issue of municipal corporation : RAJESH KASHYAP

नगर निगम के मुद्दे पर प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं के  खिलाफ होगी कड़ी कार्यवाही : राजेश कश्यप 

सोलन में नगर निगम के मुद्दे को लेकर आठ पंचायतों  ने  विरोध प्रकट करने के लिए  किसान संघर्ष समिति  का गठन किया । इस किसान समिति के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ जम कर नारे बाजी की ।मजे की बात यह रही कि इस प्रदर्शन में ,भाजपा के पदाधिकारी और प्रधान भी शामिल थे और इस समिति का अध्यक्ष भी भाजपा के  पूर्व प्रधान हैं । जब इस बात की खबर हाई कमान को लगी तो उन्होंने इस पर स्थानीय नेताओं को जम कर फटकार लगाई। जिस पर भाजपा नेता राजेश कश्यप ने अपनी साख बचाने के लिए पांच प्रधानों को साथ लेकर  सोलन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया उनहोंने इस मौके पर कहा कि कुछ लोगों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को आगे कर अपनी राजनितिक रोटियां सेकनी चाही उन्होंने कहा  उपायुक्त सोलन  को  केवल ज्ञापन  सौंपने का कार्यक्रम था  लेकिन कांग्रेस और अन्य राजनैतिक दलों के सदस्यों  ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे बाजी की जिसको लेकर वह बेहद शर्मिंदा है | 

 

 इस बारे में भाजपा नेता राजेश कश्यप और पंचायत के प्रधानों ने इस मौके पर कहा कि जब प्रदेश के मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि वह गाँव की एक इंच ज़मीन भी नहीं लेंगें | वह मुख्यमंत्री की बात पर पूर्ण विश्वास रखते हैं | इस लिए वह केवल उपयुक्त सोलन के पास ज्ञापन देने गए थे लेकिन जब वह ज्ञापन सौंप रहे थे तो कुछ मौका परस्त लोगों ने उपस्थित लोगों की  भावनाओं को भड़का कर नारे बाजी की | उन्होंने कहा कि कुछ राजनैतिक दल इस मौके पर अपनी राजनीती चमकाना चाहते है | लेकिन वह ऐसा नहीं होने देंगे |  उन्होंने यह भी कहा कि आज से संघर्ष समिति को भी संघर्ष नहीं करेगी वह प्रदेश सरकार के वायदे पर पूर्ण विश्वास करती है |  वहीँ राजेश कश्यप ने भाजपा कार्यकर्ताओं को यह चेतावनी भी दी है कि अगर सरकार के विरुद्ध वह प्रदर्शन करेंगे तो उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा | 

 

 

जब आठ पंचायतों को नगर निगम में शामिल करने का निर्णय लिया गया तब विरोध के लिए किसान संघर्ष समिति का गठन किया गया जिसमे भाजपा के प्रधान ही सबसे आगे थे | लेकिन जब हाई कमान के गुस्से का उन्हें सामना करना पड़ा तो यह सभी प्रधान बैक फुट पर नज़र आ रहे है | ऐसे में  किसानों और गाँवों के अधिकारों की लड़ाई का क्या होगा शायद अब अब उन लोगो को आगे आना पड़ेगा जो पहले पर्दे के पीछे रह कर इस विरोध की चिंगारी को हवा दे रहे थे |  अब  यह देखना भी दिलचस्प होगाऔर किसकी अध्यक्षता में यह विरोध आगे चलेगा |