सख्‍ती! अब नहीं दे सकेंगे कार में सीट बेल्‍ट अलार्म को चकमा, सरकार ने अमेजन से कहा-ऐसे प्रोडक्‍ट बेचना बंद करें

नई दिल्‍ली. दिग्‍गज उद्योगपति साइरस मिस्‍त्री की कार दुर्घटना में मौत के बाद से सरकार वाहन सुरक्षा को लेकर काफी अलर्ट हो गई है. इस हादसे के बाद से कार में सीट बेल्‍ट लगाने को लेकर लगातार चर्चा चल रही है. इस कड़ी में सरकार ने वाहनों में सीट बेल्‍ट अलार्म को चकमा देने वाले डिवाइस पर भी सख्‍ती बरती है.

सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन से कहा है कि अपने प्‍लेटफॉर्म पर सीट बेल्‍ट अलार्म को डिसेबल करने वाले उत्‍पादों की बिक्री तत्‍काल बंद कर दें. साथ ही ऐसे उपकरणों के इस्‍तेमाल पर भी बैन लगा दिया है. सड़क एवं परिव‍हन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि लोगों की सुरक्षा को देखते हुए सीट बेल्‍ट से जुड़े नियम सख्‍त बनाए जा रहे हैं. लिहाजा ऐसे उत्‍पादों का इस्‍तेमाल रोकना जरूरी है, जो सीट बेल्‍ट को उपयोगी बनाने की राह में बाधाएं पैदा करते हैं.

गडकरी ने एक इंटरव्‍यू में कहा, अमेजन सहित कई ऑनलाइन वेबसाइट और खुदरा बाजार में ऐसे उपकरण मौजूद हैं जो कार में सीट बेल्‍ट न लगाने पर बजने वाले उसके अलार्म को डिसेबल कर देते हैं. उन्‍होंने कहा कि यह सुरक्षा नियमों को बाइपास करने का शॉर्टकट है, जिस पर हाल हाल में रोक लगाई जानी चाहिए. लोग अमेजन के पोर्टल से खुलेआम इस तरह की चीजें खरीद रहे हैं. लिहाजा हमने अमेजन को नोटिस भेजकर इनकी बिक्री तत्‍काल रोकने को कहा है.

मंत्रालय ने अन्‍य कंपनियों को भेजे नोटिस
सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने उपभोक्‍ता मामलात मंत्रालय को पत्र लिखकर कहा है कि वह सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को कार में सीट बेल्‍ट अलार्म रोकने वाले डिवाइस बेचने पर बैन लगाने का आदेश जारी करे. मामले से जुड़े एक वरिष्‍ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार सड़क सुरक्षा में सेंध लगाने वाली इस तरह की कोशिशों पर तत्‍काल लगाम कसना चाहती है.

मई में ही भेजा जा चुका है नोटिस
ऐसा नहीं है कि कार में सीट बेल्‍ट अलार्म को डिसेबल करने वाले डिवाइस पर रोक लगाने की बात साइरस मिस्‍त्री की दुर्घटना के बाद शुरू हुई है, बल्कि सेंट्रल कंज्‍यूमर प्रोटेक्‍शन अथॉरिटी ने पहले ही ई-कॉमर्स कंपनियों को इस बाबत नोटिस जारी किया था. मई में ही सड़क एवं परिवहन मंत्रालय ने सीट बेल्‍ट अलार्म को डिसेबल किए जाने वाली डिवाइस को लेकर शिकायत की थी. वैसे तो इस तरह की मेटल क्लिप बेचना कानून के खिलाफ नहीं है, लेकिन सुरक्षा कारणों से सरकार इस पर रोक लगा
रही है.