जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 28 और 29 सितंबर को 2 बसों में हुए बम ब्लास्ट के तार सीमा पार से जुड़ रहे हैं
श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में 28 और 29 सितंबर को हुए 2 बम ब्लास्ट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे इसमें नई कड़ियां जुड़ती जा रही हैं. सुरक्षा एजेंसियों को कुछ पुख्ता सबूत मिले हैं कि इस ब्लास्ट के पीछे आतंकी संगठनों के स्पीपर सेल का हाथ है. फिलहाल इस मामले में पूछताछ के लिए सुरक्षा एजेंसियो ने जिला उधमपुर के बसंतगढ़ इलाके से कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. सीसीटीवी की फुटेज को एनआईए और एसआईए ने अपने कब्जे लेकर जांच शुरू की है.
सूत्रों के अनुसार लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर अब्बू खुबैब जोकि डोडा जम्मू-कश्मीर का रहने वाला है और इस समय पीओके में बैठा है, उसके इशारे पर यह स्लीपर सेल का काम हो सकता है. माना जा रहा है कि 3न महीने पहले रियासी में पकड़े गए लश्कर के आतंकी तालिब हुसैन ने कबूला था कि सीमा पार से उसे ड्रोन के जरिए 2 दर्जन के करीब स्टिकी बम की खेप मिली थी, जो उसने अब्बू खुबैब के कहने पर कुछ ओवर ग्राउंड वर्कर्स को दिए थे.
उस समय जम्मू-कश्मीर पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार भी किया था. लेकिन कुछ स्टिकी बम, आईईडी व अन्य हथियार हाथ नहीं लगे थे. उधमपुर में बस अड्डे पर खड़ी दो बसों में ब्लास्ट हुआ था. पहला ब्लास्ट 28 सितंबर को एक पट्रोल पंप के बाहर खड़ी बस में रात को 10:15 बजे हुआ जिसमें दो लोग मामूली रूप से घायल हुए. दूसरा ब्लास्ट उधमपुर बस अड्डे पर खड़ी एक अन्य बस में 29 सितंबर को सुबह 5:45 के करीब हुआ. हालांकि, इसमें कोई घायल नहीं हुआ था. इन धमाको की जांच के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस की स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) मौके पर पहुंची और जांच शुरू की, उसके बाद नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को केस सौंपा गया. एनआई ने अपनी जांच आगे बढ़ाया है.
जम्मू जोन आईजी मुकेश सिंह के अनुसार दोनों धमाके एक जैसे ही हैं और इसमें स्टिकी बम भी इस्तेमाल हो सकते हैं. फिलहाल इसके सैंपल लेकर जांच की जा रही है. पुलिस ने जिन 8 लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है, उसमें तीन लोग बसंतगढ़ के हैं. बसंतगढ़ कभी आतंकवाद का गढ़ रहा है. आतंकियों के कई ओवर ग्राउंड वर्कर्स इस इलाके में पहले थे. सूत्रों के अनुूसार कुछ लोगों ने फिर से आतंकवाद का रास्ता चुना है, जो इस समय स्लिपर सेल का काम कर रहे हैं. गौरतलब है कि जिन दोनों बसों में ये धमाके हुए, वे बसंतगढ़-उधमपुर के रूट पर चलती थीं.