Type 1 diabetes cause: टाइप-1 डायबिटीज, बच्चों से लेकर बड़े तक सभी उम्र के लोगों को हो सकता है। हाल ही में द लॅन्सेट द्वारा किए गए स्टडी में भारत, अमेरिका, चीन, जर्मनी जैसे 10 देशों के लोग टाइप-1 डायबिटीज की चपेट में ज्यादा पाएं गए। यह किसी चेतावनी से कम नहीं, इससे पहले की आप भी इससे ग्रसित हों समय रहते बचाव के उपायों को शुरू कर दें।
डायबिटीज (Diabetes) आज के समय की कुछ समान्य बीमारियों में गिनी जाती है। ज्यादातर घरों के कोई न कोई व्यक्ति इस बिमारी के चपेट में हैं। डायबिटीज एक लंबे समय तक चलने वाली और चयापचय (Metabolism) संबंधी बीमारी है, जो समय के साथ हार्ट, खून की नली, आंखों, गुर्दे और तंत्रिकाओं को गंभीर नुकसान पहुंचाती है। वैसे तो डायबिटीज टाइप- 2 (Type-2 Diabetes) को सबसे आम माना जाता है। लेकिन हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है।
द लॅन्सेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, ये 10 देश भारत,अमेरिका, ब्राजील, चीन, जर्मनी, स्पेन, कनाडा, ब्रिटेन, रूस और सऊदी अरब में टाइप-1 डायिबटीज (Type-1 Diabetes) से सबसे ज्यादा लोग ग्रसित हैं। 2021 की इस रिपोर्ट के मुताबिक अभी लगभग 8.4 मिलियन लोग इस बिमारी की चपेट में हैं, जो 2040 में 13.5 मिलियन से 17.5 मिलियन तक बढ़ने की संभावना है। ऐसे में आप भी इस बीमारी के खतरे में हैं। यदि आप इससे बचाव करना चाहते हैं, समय रहते जरूरी उपायों को करना शुरू कर दें।
क्या है टाइप-1 डायबिटीज
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के अनुसार, टाइप-1 डायबिटीज को एक समय पर इंसुलिन पर निर्भर या जुवेनाइल (किशोर) डायबिटीज कहा जाता था। यह आमतौर पर बच्चों, किशोरों और युवा वयस्कों में ज्यादा विकसित होता है। लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकता है। यदि आपको टाइप-1 डायबिटीज के मरीज है, तो इसका मतलब है कि आपका अग्न्याशय इंसुलिन नहीं बनाता है या बहुत कम इंसुलिन बनाता है।
टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज में अंतर
यूके की डायबिटीज ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज के बीच मुख्य अंतर यह है कि टाइप 1 डायबिटीज एक आनुवंशिक स्थिति है जो अक्सर कम उम्र में दिखाई देने लगती है। वहीं, टाइप 2 मुख्य रूप से जीवन शैली से संबंधित है जो समय के साथ विकसित होती है। टाइप-1 डायबिटीज में आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली आपके अग्न्याशय में इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर हमला कर देती है या उन्हें नष्ट कर देती है। जिससे वह इंसुलिन नहीं बना पाते हैं।
टाइप-1 डायबिटीज के लक्षण
- सामान्य से अधिक प्यास लगना
- ज्यादा पेशाब आना
- बिस्तर गीला करना
- बहुत भूख लगना
- वजन घटाना
- चिड़चिड़ापन महसूस होना
- थका हुआ और कमजोर महसूस करना
- धुंधली दृष्टि
टाइप-1 डायबिटीज होने का कारण
मायो क्लिनिक के अनुसार, टाइप 1 मधुमेह का सटीक कारण अज्ञात है। आमतौर पर, शरीर की अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली – जो आम तौर पर हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस से लड़ती है – अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक (आइलेट) कोशिकाओं को नष्ट कर देती है। जिसके वजह से व्यक्ति टाइप-1 डायबिटीज का शिकार हो जाता है। यह आनुवंशिकी या वायरस और अन्य पर्यावरणीय कारकों के संपर्क में आने से संबंधित होता है।
कैसे करें टाइप-1 डायबिटीज से बचाव
अभी तक टाइप 1 मधुमेह को रोकने का कोई तरीका नहीं निकाला जा सका है। लेकिन शोधकर्ता उन लोगों में बीमारी को रोकने और आइलेट कोशिकाओं को और नुकसान पहुंचाने पर काम कर रहे हैं, जिनका निदान किया गया है। लेकिन इस बीमारी से बचने के लिए हेल्दी फूड, नियमित व्यायाम, रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने जैसे उपाय आपकी सहायता कर सकते हैं।