क्या है यूटेराइन कैंसर पर हुई पूरी स्टडी?
अध्ययन के आंकड़ों में 33,497 अमेरिकी महिलाएं शामिल हैं, जिनकी उम्र 35-74 है। लगभग 11 वर्षों तक इन महिलाओं को ऑब्जर्व किया गया और उस दौरान 378 गर्भाशय कैंसर के मामलों का निदान किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन महिलाओं ने हेयर स्ट्रेटनिंग करने वाले उत्पादों जैसे- पैराबेंस, बिस्फेनॉल ए, मेटल और फॉर्मलाडेहाइड जैसे रसायन को साल में चार बार से ज्यादा इस्तेमाल किया उनमें गर्भाशय कैंसर की होने की संभावना दोगुनी थी उन महिलाओं के मुकाबले जिन्होंने हेयर स्ट्रेटनिंग प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया।
स्टडी हेड ने यूटेराइन कैंसर की संभावना पर क्या कहा?
एनआईईएचएस एनवायरनमेंट एंड कैंसर एपिडेमियोलॉजी ग्रुप और इस स्टडी के प्रमुख, पीएचडी, एलेक्जेंड्रा व्हाइट बताते हैं, कि हमने अनुमान लगाया कि महिलाएं जिन्होंने कभी हेयर स्ट्रेटनर का इस्तेमाल नहीं किया उनमें 70 की उम्र तक गर्भाशय होने का खतरा 1.64% है, वहीं हेयर स्ट्रेटनर प्रोडक्ट इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में यह जोखिम 4.05% तक बढ़ जाता है।
क्यों होता है यूटेराइन कैंसर?
कैंसर काउंसिल के मुताबिक, स्तन कैंसर के इलाज के लिए टेमोक्सीफेन लेना गर्भाशय के कैंसर से संबंधित होता है। इसके अलावा कुछ कारक जो महिलाओं में यूटेराइन कैंसर का खतरा बढ़ाते हैं, उनमें यह शामिल हो सकते हैं।
- मेनोपॉज होना
- कभी बच्चे नहीं होना
- 12 वर्ष की आयु से पहले पीरियड्स शुरू होना
- उच्च रक्तचाप या मधुमेह होना
- अधिक वजन या मोटापा होना
- कैंसर की फेमिली हिस्ट्री
- काउडेन सिंड्रोम या लिंच सिंड्रोम जैसी आनुवंशिक स्थिति होना
- ओवरियन ट्यूमर, या PCOS होना
- पेलविस रेडिएशन थैरेपी
यूटेराइन कैंसर के लक्षण
योनि से असामान्य रक्तस्राव गर्भाशय के कैंसर का सबसे आम लक्षण है, विशेष रूप से मेनोपॉज के बाद। इसके अलावा गर्भाशय के कैंसर के लक्षण को हम यहां आपको बता रहें हैं, हालांकि यह लक्षण दूसरी किसी बीमारी का भी इशारा हो सकते हैं इसलिए डॉक्टर से परामर्श जरूर करें।
- पीरियड्स में बदलाव
- असमान्य वजाइनल ब्लीडिंग
- लगातर बिना ब्रेक के पीरियड्स होना
- गंधयुक्त पानी जैसा डिसचार्ज
- अचानक वजन घटना
- पेशाब करने में कठिनाई
- मल त्याग की आदत में बदलाव
- पेट में दर्द