करीब एक पखवाड़े की शांति के बाद आतंकियों ने फिर लक्षित हत्या को अंजाम देते हुए पुलवामा में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर (एसआई) की गोली मारकर हत्या कर दी। शुक्रवार देर रात को खेत से उनका गोलियों से छलनी शव बरामद किया गया। इस बीच द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने हत्या की जिम्मेदारी ली है। पुलवामा के संबूरा गांव के रहने वाले पुलिस सब इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर (48 वर्ष) रोज की तरह रात लगभग आठ बजे अपने खेत में धान की फसल में पानी देने गए। उनका खेत घर से एक किलोमीटर की दूरी पर है। वह पिछले 20 दिनों से ड्यूटी से लौटने के बाद खेत में पानी देने जा रहे थे। वह देर रात तक घर नहीं लौटे तो परिवार वालों को चिंता हुई। उनकी बेटी और पड़ोसी खेतों पर उन्हें तलाशने गए जहां फारूक का शव मिला। सूचना मिलने पर आधी रात पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लिया। सीने पर गोलियों के निशान थे। मौके से पिस्टल के दो खोखे भी बरामद किए गए।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों के उच्चाधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जानकारी हासिल की। आसपास के लोगों से पूछताछ की। पूरे इलाके में तलाशी अभियान चलाया गया, लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
पुलिस के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि आईआरपी 23 बटालियन में तैनात फारूक अहमद मीर का शव संबूरा में उनके घर के पास धान के खेतों में पाया गया था। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि वह कल शाम को अपने धान के खेतों में काम करने के लिए घर से निकले थे, जहां आतंकियों ने पिस्तौल से उनकी गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटनास्थल से दो पिस्टल कारतूस भी मिले हैं। लेथपोरा अवंतिपोरा स्थित अपने दफ्तर में तैनात पुलिस अफसर शाम को घर गए थे, जहां आतंकियों ने हत्या कर दी।