Success Story: 65 किस्‍म के आम, 40 तरह के केले… नायाब फल उगाने में माहिर है यह किसान!

राजेंद्र हिंदुमाने विदेशी फलों को उगाने के एक्‍सपर्ट हैं। वह पूरे शौक से किसानी करते हैं। अपने खेत में वह क्‍या नहीं उगाते हैं। फल, पौधों से लेकर आयुर्वेदिक दवाओं में इस्‍तेमाल होने वाली जड़ी-बूटियों तक उनके खेत में सबकुछ उगता है। अपने फ्रूट गार्डन में वह 65 किस्‍म के आम उगाते हैं।

नई दिल्‍ली: किसान चाहे तो क्‍या न उगा दे। जहां कुछ क‍िसान खेती किसानी से पीछा छुड़ाकर अपनी जड़ों से दूर हो रहे हैं। वहीं, ऐसे भी किसान हैं जो अपने खेत में नई-नई चीजें एक्‍सप्‍लोर कर रहे हैं। ऐसे ही एक किसान हैं राजेंद्र हिंदुमाने (Rajendra Hindumane)। 20 साल पहले राजेंद्र की दिलचस्‍पी विदेशी फलों को जुटाने में हुई। आज वह अपने खेत में 1,300 किस्‍मों के फल, पौधे और जड़ी-बूटियां उगाते हैं। इसमें उनकी दो बेटियां भी मदद करती हैं। ये सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे खेतों में उगने वाले पौधों और फलों का डेटाबेस मेनटेन करती हैं। राजेंद्र के फ्रूट गार्डन में 65 किस्‍म के आम और 40 किस्‍म के केले उगते हैं। इसके अलावा काली मिर्च, हल्‍दी और लौंग भी उनके खेतों में मिल जाती है। वह विदेशी फलों को उगाने के उस्ताद हैं।

20 साल पहले राजेंद्र की दिलचस्‍पी विदेशी फलों के कलेक्‍शन में पैदा हुई। यह दिलचस्‍पी कब दीवानगी में बदल गई उन्‍हें खुद नहीं पता। उनका खेत कर्नाटक के दक्षिण कन्‍नड़ क्षेत्र में है। इसमें वियतनाम, ब्राजील, मलेशिया और इंडोनेशिया के अलग-अलग किस्‍मों के फल आपको मिल जाएंगे।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर बेट‍ियां भी करती हैं मदद
राजेंद्र हिंदुमाने ने पश्चिम बंगाल और केरल से भी बीज जुटाए। खुले खेत में लगाने से पहले इन्‍हें पॉलीहाउस में उगाया और देखा। वह बताते हैं कि कई बार उनकी लाख कोशिशों के बावजूद पौधे सूख गए। लेकिन, इसके बाद वह इन्‍हें उगाने के तरीके पता करने के बारे में पूरी शिद्दत के साथ जुट गए।

राजेंद्र के दो बेटियां हैं। मेघा और गगन। दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। वे पिता के शौक को प्रोत्‍साहित करने में थोड़ा भी पीछे नहीं रहती हैं। खेत में उगने वाले पौधों के डेटाबेस को मेनटेन करने का काम यही दोनों संभालती हैं। डेटाबेस में पौधों के बॉटनिकल नेम्‍स, स्‍थानीय नाम, फ्लावरिंग के समय, उनकी मेडिसनल प्रॉपर्टीज, खासियत इत्‍यादि को दर्ज किया जाता है।

150 क‍िलो अचार बनाता है परिवार
राजेंद्र आम की एक खास तरह की किस्‍म अपेमिड़ी को जमकर उगाते हैं। यह अचार बनाने के काम आता है। मलनाड क्षेत्र में यह अचार काफी लोकप्रिय है। उनके खेत में अपेमिड़ी की 60 से ज्‍यादा किस्‍में हैं। उनका परिवार करीब 150 किलो अचार बनाता है।

राजेंद्र के फ्रूट गार्डन में आम की 65 किस्‍में, केले की 40, कस्‍टर्ड एप्‍पल की 30, वॉटर एप्‍पल की 18, कॉफी की 4 किस्‍में मिल जाएंगी। इसके अलावा भी वह कई तरह की किस्‍मों को उगाते हैं। इसके अलावा वह काली मिर्च, लौंग, अदरक, हल्‍दी इत्‍यादि को भी उगाते हैं। राजेंद्र 55 साल के हो चुके हैं। उनका घर तरह-तरह के फलों से भरा रहता है। वह अपने खेत को फलों के शौकीनों का स्‍वर्ग कहते हैं।