रोशन ने कहा एक बड़ी इंटरनेशनल कंपनी ने रोशन को धमकी दी थी कि या तो वे अपना ब्रांड बंद कर दें या उस बड़े ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देंगे.
नई दिल्ली: नोएडा में स्पोर्ट्सवेयर का काम करने वाले रोशन वैद ने 10 मशीनों से आज से 20 साल पहले नोएडा में अपने काम की शुरुआत की थी जबकि अब उनके पास दो हजार से अधिक मशीनें हैं. रोशन वैद ने ₹300000 की पूंजी से कामकाज की शुरुआत की थी. उनके पिता ने अपना काम शुरू करने के लिए उन्हें ₹300000 दिए थे. अब 22 साल के बाद रोशन ने अपने पिता का नाम रोशन कर दिया है. इस समय रोशन फैब्रिक से लेकर स्पोर्ट्स वियर तक कई काम कर रहे हैं और दुनिया के 50 से अधिक देशों में अपने स्पोर्ट्सवेयर बेच रहे हैं.
रोशन साल 1995 में बेंगलुरु में 7.5 हजार रुपए महीने की नौकरी करते थे. परिवार में कुछ दिक्कतों की वजह से साल 1997 में दिल्ली लौटना पड़ा और उन्होंने यहीं बसने का फैसला किया. दिल्ली के तुगलकाबाद में साल 1998 में उन्होंने 10 सिलाई मशीन लगाकर 13 लोगों के साथ गारमेंट बनाने का काम शुरू किया.
आज रोशन की दो कंपनियां हैं जबकि एक कपड़ा बनाने वाली अपनी यूनिट है. उनके साथ 6000 से ज्यादा लोग काम करते हैं. दो हजार से ज्यादा सिलाई मशीन से हर रोज पचास हजार के करीब टीशर्ट और ट्रैक सूट तैयार किए जाते हैं.
नेशनल-इंटरनेशनल क्रिकेट, आईपीएल, कॉमनवेल्थ गेम्स में रोशन की कंपनी के बनाए कपड़े प्लेयर्स पहनते हैं. रोशन स्पोर्ट्स वियर बनाकर मार्केट में बेचते हैं.
फैशन इंडस्ट्री में इंटरेस्ट की वजह से रोशन ने एमबीए कोर्स किया. इसके बाद बेंगलुरु में काम कर रहे थे. दिल्ली लौटने पर कई महीने तक जॉब नहीं मिलने के बाद उन्होंने अपनी गारमेंट कंपनी शुरू कर दी.
रोशन ने ताइवान जाकर स्पोर्ट्सवेयर बनाने के काम और प्रोसेस को समझा. ताइवान से पॉलिस्टर कपड़े मंगा कर स्पोर्ट्सवेयर बनाकर सप्लाई करने लगे. रोशन ने कहा कि साल 2016 तक उनकी कंपनी 100 करोड़ की हो चुकी थी. इसके बाद जब उन्होंने यह देखा कि किसी इंडियन को स्पोर्ट्सवेयर खरीदना होता है तो वह इंटरनेशनल कंपनी का प्रोडक्ट खरीदते हैं. वही प्रोडक्ट उन कंपनियों को ब्रांड के साथ रोशन सप्लाई करते थे.
इंडियन स्पोर्ट्स वियर ब्रांड नहीं होने की वजह से रोशन ने एलसिस स्पोर्ट्सवेयर की शुरुआत की. रोशन ने बताया कि विराट कोहली से लेकर महेंद्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा तक उनकी कंपनी के कपड़े पहनते हैं.
रोशन ने कहा एक बड़ी इंटरनेशनल कंपनी ने रोशन को धमकी दी थी कि या तो वे अपना ब्रांड बंद कर दें या उस बड़े ब्रांड की मैन्युफैक्चरिंग का कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर देंगे. इस वजह से रोशन के काम में 60 फीसदी तक की कमजोरी आई लेकिन उन्होंने अपने ब्रांड को बंद नहीं किया.