Success Story: पहले प्रयास में 1 अंक से मिली असफलता फिर दूसरे प्रयास में भाई को खोया, अंत में अर्पित ऐसे बने IAS

UPSC Success Story: अर्पित जानते थे कि कहीं कहीं उनकी तैयारी में कमी थी इसलिए उन्हें सफलता नहीं मिली।

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Success Story: केवल 24 वर्ष की आयु में IAS बन गए अर्पित गुप्ता।

UPSC Success Story: जब भी हमें असफलता मिले तो यह हमारी किस्मत नहीं बल्कि हमारी तैयारी की कमी है, यह कहना है 24 वर्षीय IAS अर्पित गुप्ता का। अर्पित (UPSC Topper) ने यूपीएससी की 2021 सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक 54 प्राप्त किया है। सिविल सेवा परीक्षा में यह उनका दूसरा प्रयास था। पहले प्रयास में वे में परीक्षा तक पहुंचे लेकिन कटऑफ से केवल 1 अंक कम होने के कारण उन्हें लिस्ट से बाहर होना पड़ा था। उनके लिए वह दौर बेहद कठिन था लेकिन अर्पित ने हार नहीं स्वीकार (Success Story) की मानी और इससे बाहर आकर उन्होंने एक बार फिर से तैयारी शुरू की अपने दूसरे प्रयास में सिविल सेवा परीक्षा में रैंक 54 प्राप्त कर IAS ऑफिसर बन गए।

प्रीलिम्स से पहले बिगड़ी तबीयत
अर्पित गोरखपुर के पास एक छोटे से गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने अपनी 8वीं तक की स्कूली पढ़ाई वहीं से पूरी की और उसके बाद आईआईटी रुड़की से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया। बाकी अभ्यर्थियों की तरह अर्पित भी सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए और अपनी तैयारी शुरू कर दी। 2020 में अर्पित ने यूपीएससी में अपना पहला प्रयास दिया। लेकिन प्रीलिम्स से पहले ही उन्हें तबीयत खराब हो गई थी। फिर भी उन्होंने प्रीलिम्स परीक्षा में भाग लिया।


1 नंबर से मेंस में रहे असफल

लेकिन खराब स्वास्थ्य ने केवल प्रीलिम्स ही नहीं बल्कि मेंस परीक्षा से पहले भी कई अड़चनें लगाई। अर्पित को मेंस परीक्षा से पहले चिकन पॉक्स हो गया पर उन्होंने हार नहीं मानी और बुखार में तपते हुए भी मेंस का पेपर लिखा। उन्हें उम्मीद थी कि मेंस में वे जरूर सफल हो जाएंगे। लेकिन जब अर्पित ने अपना रिजल्ट देखा तो वे टूट गए। उस समय जनरल कैटेगरी की मेंस कट ऑफ 736 रही लेकिन उन्हें केवल 735 अंक ही प्राप्त हुए। वे अपने पहले प्रयास में ही इंटरव्यू में भाग लेना चाहते थे लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका। यह पहली बार था तब वे बहुत रोये थे। सभी लोग कहने लगे थे कि किस्मत में नहीं था वरना क्लीयर हो जाती परीक्षा। लेकिन अर्पित जानते थे कि कहीं न कहीं उनकी तैयारी में कमी थी इसलिए उन्हें सफलता नहीं मिली।

दूसरे प्रयास में बन गए IAS

यह असफलता कहां अर्पित के जज्बे को कम करने वाली थी। वे उठ खड़े हुए और दूसरे प्रयास में परीक्षा में बैठने के लिए तैयारी करने लगे। लेकिन वो कहते हैं न कि समय पर किसी का जोर नहीं। यहां कब क्या हो जाए इस बात का अंदाजा किसी को नहीं होता। दूसरे प्रयास के दौरान अर्पित ने अपने चचेरे भाई को खो दिया। कई दिनों तक तो उन्हें कुछ समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है। फिर भी जैसे-तैसे अर्पित ने हिम्मत जुटाई और तैयारी में लग और आखिरकार दूसरे प्रयास में रैंक 54 (AIR 54) के साथ सफलता हासिल कर ही ली। उन्होंने यह सफलता 24 वर्ष की बेहद कम उम्र में ही प्राप्त कर ली। उनका यूपीएससी का सफर हमे बताता है कि सफलता हमारी किस्मत नहीं बल्कि तैयारी पर निर्भर करता है।