ऐसी रहस्यमयी घाटी जिसको आज तक नहीं खोज पाया कोई, यहां ठहर जाता है समय

अरुण शर्मा की किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में है इसका जिक्र

इस दुनिया में कितनी ही अजीबों-गरीबों और रहस्यमयी चीजें हैं जिनके बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल पाया है। वैज्ञानिकों ने कितनी कोशिश की लेकिन कुदरत को समझने में असफल रहे। आज हम आपको एक ऐसी रहस्यमयी घाटी ( Mysterious Valley) के बारे में बताते हैं जो मौजूद तो है, लेकिन उसको आज तक कोई भी ढूंढ नहीं पाया है। ये सुनने में बिल्कुल हॉलीवुड फिल्मों जैसा लग रहा होगा लेकिन ये सच है।

 

ऐसा माना जाता है कि यह घाटी अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) और तिब्बत के बीच में कहीं स्थित है। इस जगह को ‘शांगरी-ला घाटी’ के नाम से जाना जाता है। शांगरी-ला को वायुमंडल के चौथे आयाम यानी समय से प्रभावित जगहों में से एक माना जाता है। ऐसी जगहों पर समय थम सा जाता है और लोग जब तक चाहें तब तब जीवित रह सकते हैं। इस घाटी को धरती का आध्यात्मिक नियंत्रण केंद्र भी कहा जाता है। दुनियाभर के कई लोग ‘शांगरी-ला घाटी’ (‘Shangri-La Valley’) का पता लगाने की नाकाम कोशिश कर चुके हैं, लेकिन आज तक किसी को भी इसमें सफलता नहीं मिली है। अरुण शर्मा ने अपनी किताब ‘तिब्बत की वह रहस्यमय घाटी’ में शांगरी-ला का जिक्र किया है। उनके मुताबिक, युत्सुंग नाम के एक लामा ने उन्हें बताया कि शांगरी-ला घाटी में काल का प्रभाव नगण्य है और वहां मन, प्राण और विचार की शक्ति एक विशेष सीमा तक बढ़ जाती है। उनके अनुसार अगर कोई वस्तु या इंसान वहां अनजाने में भी चला जाए तो वह वापस दुनिया में कभी नहीं आ पाता है।

युत्सुंग के मुताबिक, वह खुद इस रहस्यमय घाटी में जा चुके हैं। उनका दावा है कि वहां ना तो सूर्य का प्रकाश था और न ही चंद्रमा। चारों तरफ एक रहस्यमय प्रकाश फैला हुआ था। तिब्बती भाषा की किताब ‘काल विज्ञान’ में भी इस घाटी का जिक्र मिलता है। यह किताब आज भी तिब्बत के तवांग मठ के पुस्तकालय में रखी हुई है। इस घाटी को सिद्धाश्रम भी कहते हैं, जिसका जिक्र महाभारत से लेकर वाल्मिकी रामायण और वेदों में भी मिलता है। जेम्स हिल्टन नामक लेखक ने अपनी किताब ‘लॉस्ट हॉरीजोन’ में भी इस रहस्यमय जगह के बारे में लिखा है लेकिन उनके मुताबिक यह एक काल्पनिक जगह है। शांगरी-ला घाटी के बारे में पता लगाने वाले कई लोग तो हमेशा-हमेशा के लिए गायब भी हो गए। ऐसा भी कहा जाता है कि चीन की सेना ने इस घाटी को ढूंढने की बहुत कोशिश की, लेकिन वो इस जगह का पता नहीं लगा सके। ये घाटी आज भी सबके लिए राज ही बनी हुई है।