बिलासपुर, 25 सितंबर : सफाई का हर जगह अपना महत्व है, लेकिन बात स्वास्थ्य क्षेत्र की हो तो सफाई का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। अस्पतालों में ही अगर ऐसा गंदगी का माहौल है, तो यह सवाल बहुत ही पेचीदा होता कि क्या उस अस्पताल में मरीज स्वस्थ होंगे या फिर जो स्वस्थ व्यक्ति है वह भी बीमार हो जाएगा।
अस्पताल में खुले में पड़े गंदगी के लिफाफे
बात क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर की है, जहां पर सफाई व्यवस्था को देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि अस्पताल में सफाई नाम की कोई चीज ही नहीं है। क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में गंदगी का ऐसा माहौल है कि खून से सनी हुई रूई भी मरीजों का मुंह चिढ़ा रही हैं। हैरानी की बात है कि अस्पताल का प्रशासन भी इस बात से अनभिज्ञ है। ऐसे में सवाल है कि क्या अस्पताल प्रशासन सफाई व्यवस्था को लेकर रुचि नहीं दिखा रहा है, या फिर उसे यह गंदगी नहीं दिखाई दे रही है।
क्षेत्रीय अस्पताल केवल शहर ही नहीं बल्कि पूरे बिलासपुर जिला की 179 पंचायतों की नब्ज देख रहा है। ऐसे में यहां पर सफाई व्यवस्था होना बहुत ही लाजमी है। लोगों का कहना है कि खून से लथपथ रूई भी खुले में बिखरी पड़ी है। लिफाफों में कूड़ा भरा हुआ है। जिस बायो वेस्ट कचरे का तरीके से निष्पादन होना चाहिए था वह खुले में फैल रहा है। लोगों में इससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ गया है, क्योंकि यह खून से लथपथ रुई किस मरीज की हैं कोई नहीं जानता है।
वहीं, अस्पताल प्रशासन सफाई के नाम पर लाखों रुपये खर्च करता है, लेकिन इसके बाद हालात सबके सामने अस्पताल की सफाई व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। क्षेत्रीय अस्पताल में प्रतिदिन 500 से 600 मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। ऐसे में लोगों में भी भय का माहौल बना हुआ है। वहीं, इस बारे में क्षेत्रीय अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी संजीव वर्मा का कहना है कि वह कार्य क्षेत्र से बाहर हैं। यदि ऐसा है तो सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाने के निर्देश दिए जाएंगे। बायो वेस्ट को तरीके से निष्पादन किया जा रहा है।