काबुल. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में रूस के दूतावास के बाहर सोमवार को हुए एक धमाके में 20 लोगों की मौत हो गई. मारे गए लोगों में से 2 रूसी राजनयिक थे. अफगानिस्तान की स्थानीय मीडिया के हवाले से रूस की सरकारी मीडिया आरटी ने ये खबर दी है. रूस उन कुछ देशों में से एक है जिसने एक साल से अधिक समय पहले तालिबान के देश पर कब्जा करने के बाद काबुल में अपना दूतावास कायम रखा है. हालांकि मास्को आधिकारिक तौर पर तालिबान की सरकार को मान्यता नहीं देता है, लेकिन वे अधिकारियों के साथ पेट्रोल और अन्य वस्तुओं की आपूर्ति के समझौते पर बातचीत कर रहे हैं.
जबकि न्यूज एजेंसी रायटर्स की एक खबर के मुताबिक अफगान पुलिस ने कहा कि काबुल में रूसी दूतावास के प्रवेश द्वार के पास एक आत्मघाती हमलावर ने खुद को उड़ा लिया. पुलिस ने कहा कि आत्मघाती हमलावर को दूतावास की सुरक्षा के तैनात हथियारबंद गार्डों ने पहले ही पहचान लिया और उसे गोली मार दी थी. फिर भी वह दूतावास के गेट के करीब पहुंचने में सफल रहा. जिस इलाके में रूसी दूतावास स्थित है उस इलाके के पुलिस प्रमुख मावलवी साबिर ने रायटर्स को बताया कि गेट तक पहुंचने से पहले ही आत्मघाती हमलावर को रूसी दूतावास की सुरक्षा के लिए लगे तालिबान के गार्डों ने पहचान लिया और गोली मार दी.
अफगानिस्तान: हेरात में मस्जिद के भीतर हुआ बड़ा धमाका, 14 मरे, 200 घायल
गौरतलब है कि अभी 2 सितंबर को अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में गुजरगाह मस्जिद में हुए एक भीषण बम धमाके में 14 लोगों की मौत हो गई और 200 लोग बुरी तरह घायल हो गए. इस हमले में मस्जिद के इमाम मौलवी मुजीब रहमान अंसारी भी मारे गए. मौलवी मुजीब रहमान अंसारी को तालिबान का काफी करीबा धर्मगुरु माना जाता था. उनको इस्लाम का एक बड़ा विद्वान भी माना जाता था.