मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में नशे की समस्या से निपटने के लिए बुधवार देर सायं यहां पुलिस, गृह और विधि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों के तस्करों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई करने के लिए कानून में आवश्यक संशोधन कर दोषियों की संपत्ति जब्त (confiscated property) करने का प्रावधान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य को सुरक्षित करने के दृष्टिगत नशे की आपूर्ति श्रृंखला को तोड़ने और माफिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए विशेष कार्य बल (स्पेशल टास्क फोर्स) का भी गठन किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि नशे की बुराई पर रोक तथा नशीले पदार्थों के कारोबार पर निगरानी के लिए प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सबस्टान्सिज एक्ट (Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act) के अंतर्गत एक सलाहकार बोर्ड (advisory board) का गठन किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नशे के आदी लोगों की मदद करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में वापस लाने के लिए राज्य में एक आधुनिक नशा मुक्ति केंद्र और पुनर्वास केंद्र (De-addiction Center and Rehabilitation Center) स्थापित किया जाएगा। इन केंद्रों के माध्यम से उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह केन्द्र कुशल सहायक कर्मचारियों के साथ आधुनिक सुविधाओं से युक्त होंगे।
उन्होंने कहा कि नशे की बुराई समाज के समक्ष एक बड़ी चुनौती है और दोषियों को शीघ्र पकड़ कर उनके विरुद्ध कानून के तहत त्वरित आधार पर मामला दर्ज करना समय की मांग है। उन्होंने कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने तथा खुफिया सूचनाओं को साझा करने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से एक प्रभावी तंत्र विकसित करने के प्रयास किए जाएंगे और केंद्रीय कानून में आवश्यक संशोधन का भी आग्रह किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने नशीले पदार्थों के सेवन पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इनके दुष्प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में इस समस्या से निपटने के लिए पड़ोसी राज्यों के साथ समन्वय स्थापित करने की आवश्यकता है। उन्होंने अधिकारियों को इस बुराई पर अंकुश लगाने और युवा पीढ़ी को ड्रग माफिया से बचाने के लिए उचित उपाय करने के भी निर्देश दिए।
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, मुख्यमंत्री से ओएसडी गोपाल शर्मा, पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू, विधि सचिव शरद कुमार लगवाल और पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित थे।