कांगड़ा जिला के गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण का मुद्दा वीरवार को विधानसभा में गूंजा।प्रश्नकाल के दौरान विधायक विपिन सिंह परमार, चैतन्य शर्मा, सुधीर शर्मा और पवन काजल के संयुक्त सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बताया कि इस एयरपोर्ट के विस्तार पर 10 हजार करोड़ रुपए खर्च आएगा और इसमें से दो हजार करोड़ रुपए भूमि-अधिग्रहण पर खर्च होगा।
उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से सरकार किसी भी गरीब का घर उजड़ने नहीं देगी, और विस्थापित होने वाले लोगों के लिए पुनर्वास के लिए पुनर्वास योजना लाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि गग्गल एयरपोर्ट के विस्तारीकरण से 14 गांवों के 1446 परिवार विस्थापित होंगे। उन्होंने कहा कि 10 गांवों के लोगों ने विस्तारीकरण के प्रस्ताव को सहमति दे दी है। शेष चार गांवों के अधिकांश लोगों ने भी सहमति जताई है।
सुक्खू ने कहा कि कांगड़ा एयरपोर्ट का विस्तार देश की सुरक्षा और पर्यटन की दृष्टि से जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस एयरपोर्ट के विस्तारीकरण को लेकर टेक्नो फिजिबिलिटी रिपोर्ट पर कार्य चल रहा है, जबकि सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट सरकार को मिल गई है, जिस पर 10-11 अप्रैल को जन सुनवाई है। उन्होंने कहा कि सरकार की उच्च स्तरीय कमेटी सामाजिक प्रभाव आकलन रिपोर्ट का विस्तृत करेगी और इसके बाद ही सरकार आगे बढ़ेगी।
विधायक विनोद कुमार और प्रकाश राणा द्वारा 300 यूनिट निशुल्क बिजली देने की सरकारी की गारंटी को लेकर पूछे गए एक संयुक्त सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस द्वारा विधानसभा में दी गई 10 गारंटियां पांच सालों के लिए है, और सरकार इन्हें अगले चार सालों में पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि बजट में इसकी एक झलक भी विपक्ष को नजर आएगी, यदि वह देखने की कोशिश करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार द्वारा आरंभ की गई 125 यूनिट निशुल्क बिजली की योजना यथावत जारी है।
इस योजना पर चालू वित्त वर्ष में 1044 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इनमें से 300 करोड़ रुपए की सब्सिडी मौजूदा सरकार ने अपने शासनकाल के सौ दिन के कार्यकाल में जारी की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 60 यूनिट तक निशुल्क बिजली की योजना पूर्व मुख्यमंत्री स्व. वीरभद्र सिंह ने शुरू की थी, जबकि 60 से 125 यूनिट तक निशुल्क बिजली की योजना पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने आरंभ की थी। उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी कि यदि वह झूठ बोल रहे हैं तो विपक्ष उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला ला सकते हैं।