सुक्खू बोले-अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस हाईकमान ने रखी थी ये शर्त, मैंने और मुकेश अग्निहोत्री ने कर दिया इंकार

कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने विवेकपूर्ण फैसला लिया है। मुकेश अग्निहोत्री को फिर से विधायक दल का नेता, मुझे प्रचार समिति का अध्यक्ष और प्रतिभा सिंह को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी…

ऊना (सुरेन्द्र): कांग्रेस प्रचार समिति के अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने विवेकपूर्ण फैसला लिया है। मुकेश अग्निहोत्री को फिर से विधायक दल का नेता, मुझे प्रचार समिति का अध्यक्ष और प्रतिभा सिंह को कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई है, ऐसे में हाईकमान के इस सही निर्णय के मुताबिक सभी नेता एकजुटता से काम करेंगे और हिमाचल में कांग्रेस को सत्ता में लाने का प्रयास करेंगे। मैहतपुर में नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक सतपाल रायजादा, पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप कुमार व पूर्व विधायक राकेश कालिया सहित अन्य नेताओं की मौजूदगी में पत्रकारों से बातचीत में सुक्खू ने कहा कि हाईकमान ने कहा कि जो कांग्रेस का अध्यक्ष होगा, वह चुनाव नहीं लड़ेगा। यह प्रस्ताव सभी नेताओं के समक्ष हाईकमान ने रखा। मुझसे जब पूछा गया तो मैंने मना कर दिया और मुकेश अग्निहोत्री ने भी मना कर दिया क्योंकि यदि 4 महीने के बाद उन्हें चुनाव लड़ने के लिए कहा तो फिर काफी देर हो जाएगी। इस संदर्भ में पार्टी ने कहा कि जो चुनाव नहीं लड़ेगा, वह आगे आए। हाईकमान ने 5 वर्ष का ऑफर दिया था तो हमने इसलिए मना किया क्योंकि हम चुनाव लड़ने वाले लोग हैं। पार्टी की खातिर चुनाव में उतरेंगे। हाईकमान ने जो नियम तय किया तो ऐसे में प्रतिभा सिंह का अध्यक्ष पद के लिए नाम तय हुआ। 

एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को सत्ता में लाएंगे
सुक्खू ने कहा कि हम सभी को जिम्मेदारियां मिली हैं। सभी का दायित्व है कि मिलजुल कर गरीब और किसान हितैषी पार्टी कांग्रेस को सत्ता में लाएं। जनता महंगाई से त्रस्त है। एकजुटता से चुनाव लड़ेंगे और कांग्रेस को सत्ता में लाएंगे। आज सभी नेता एक मंच पर खड़े हुए हैं। मुकेश अग्निहोत्री ने मुखरता से सरकार का विधानसभा के भीतर और बाहर विरोध किया है। 

नई व्यवस्था के तहत आ रही कांग्रेस पार्टी
सुक्खू ने कहा कि विचार-विमर्श करने के बाद कांग्रेस पार्टी नई व्यवस्था के तहत आ रही है। प्रदेश में 40 वर्ष बाद नई लीडरशिप आ रही है। नई लीडरशिप ईमानदार, जुझारू व संघर्षशील लीडरशिप है। कांग्रेस में परिवारवाद की कोई बात नहीं है। पहले कोई वर्किंग प्रैजीडैंट नहीं था लेकिन नई व्यवस्था के तहत ऐसा हुआ है। 4 वर्किंग प्रैजीडैंट, कांग्रेस की अध्यक्ष, नेता विपक्ष और स्वयं वह सभी मिलकर नई रणनीति बनाएंगे और कांग्रेस पार्टी को मजबूत करेंगे। कांग्रेस एकजुटता का परिचय दे रही है, जिसका प्रमाण यहां मिल रहा है। यहां सभी नेता पहुंचे हुए हैं।