सोलन की सुल्तानपुर पंचायत में पहली ग्राम सभा का आयोजन हुआ | इस ग्राम सभा का मुख्य उद्देश्य पंचायत की विकास के लिए चर्चा करना था | लेकिन यहाँ मुद्दा विकास का नहीं बल्कि पंचायत घर कहाँ होना चाहिए इसको लेकर गर्माया रहा | इसको लेकर बाक़ायदा महापंचायत हुई | इस में एक पक्ष यह चाहता था कि पंचायत कार्यालय यहाँ नहीं रहना चाहिए वहीँ दूसरे पक्ष की दलील थी कि इस से उपयुक्त पंचायत कार्यालय नहीं हो सकता है | बस इसी को लेकर पंचायत प्रतिनिधियों में तीखी नोकझोक चलती रही | पहली बैठक इसी हंगामे की भेंट चढ़ गई | प्रतिनिधि क़ानून और नियमों की दलीलें देते नज़र आए लेकिन इस बैठक का उद्देश्य विकास की नींव रखना था यह असली मुद्दा बैठक में नज़र नहीं आया |
इस मौके पर ग्राम पंचायत सुल्तानपुर के निवासियों ने रोष प्रकट करते हुए कहा कि पहली बार नव गठित ग्राम पंचायत की ग्राम सभा का आयोजन किया जा रहा था लेकिन इसमें विकास के मुद्दों पर नहीं बल्कि पंचायत घर के मुद्दे को लेकर चर्चाएं की गई
जिसमे कांग्रेस और भाजपा आमने सामने खड़े नज़र आए | कांग्रेस के लोग चाहते थे कि पंचायत घर यहाँ से सुल्तानपुर महिला मंडल भवन में स्थापित करना चाहिए वहीँ भाजपा के लोग तर्क दे रहे थे कि अभी यह अस्थाई तौर पर खलोगड़ा में पंचायत घर चलाया जा रहा है | जो निजी व्यक्ति द्वारा बिना किसी किराए के कुछ समय के लिए पंचायत को दिया गया है | जब इस से बेहतर भवन मिल जाएगा इसे यहाँ से स्थांतरित कर दिया जाएगा | लेकिन यह बात कांग्रेस नेताओं को रास नहीं आई | जिसके चलते ग्राम सभा वाक् युद्ध बनती नज़र आई और विकास के मुद्दे गौण नज़र आए |