सुनील शेट्टी इन दिनों ‘हेरा फेरी 3’ के अलावा वेब सीरीज ‘हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा’ को लेकर सुर्खियों में हैं। सुनील शेट्टी ने नवभारतटाइम्स से बातचीत में अपनी गलतियों के अलावा अपने बच्चों, वाइफ और आनेवाली वेब सीरीज और फिल्म को लेकर ढेर सारी बातें कीं। उन्होंने बताया कि आखिर क्यों वो इंडस्ट्री से दूर हो गए थे।
नब्बे के दशक में ‘बलवान’ से एक्शन हीरो के ट्रेंड को शुरू करने वाले आप ही थे और अब आपकी वापसी हो रही है एक्शन ओरिएंटेड सीरीज हंटर टूटेगा नहीं तोड़ेगा, कैसा महसूस हो रहा है?
बहुत ज्यादा इमोशनल महसूस कर रहा हूं, क्योंकि मैं अपनी मर्जी से गायब नहीं हुआ था। गलतियां कीं मैंने, फिल्में नहीं चलीं, उसके बाद लोग आपका साथ नहीं देना चाहते, आपके साथ काम नहीं करना चाहते। हुनर तो वही है, टैलेंट तो हुई है। हां, मैं मानता हूं कि गलतियां हुई हैं। मैं उनमें से नहीं हूं, जो खुद के लिए एक फिल्म बनाकर उसमें खुद को कास्ट करूं। लोगों का मुझ पर से भरोसा खत्म हो गया था, इसलिए जब सारेगामा मेरे पास आया, तो मैंने उनसे पूछा कि क्या वाकई आप मेरे साथ सीरीज बनाना चाहते हैं, क्योंकि ये काफी खर्चीला होगा। उन्होंने कहा कि वे मेरे साथ मेरे पुराने एक्शन का जलवा वापस लाना चाहते हैं। ये मेरे लिए बहुत बड़ी बात थी, इससे मेरा दस बॉटल खून बढ़ गया था। इस प्रस्ताव पर मुझे लगा कि मुझे भी ऐसा काम और एक्शन करना चाहिए कि लोग कह उठें कि क्या वाकई ये सिक्स्टी प्लस है? क्या सच में ये ऐसा एक्शन कर सकता है और वाकई जब आप एक्शन देखेंगी,तो चाहे आप पॉज करें या रिवाइंड, पर्दे पर वो शख्स सुनील शेट्टी है, एक -एक एक्शन सीन मैंने खुद ने किया है। मैं जानता हूं कि एक उम्र के साथ आपके शरीर की कुछ सीमाएं होती हैं, तो मैंने खुद को ट्रेंड करके, रिहर्सल करके वे तमाम एक्शन सीन किए।
एक अरसे से हम आपके काम के गवाह रहे हैं और जानते हैं कि आपसे फिल्में चुनने के मामले में जो गलतियां हुईं, वो दोस्ती खाते में हुईं। आपने कई खराब फिल्में मात्र रिश्तों की खातिर कीं।
आप लोग इस बात को जानते -समझते हैं और उसी ने हमें जिंदा रखा। मुझे लगता है इसलिए ऊपर वाला इस चीज को याद रखता है और आपको दोबारा मौका मिलता है। अहान और अथिया (उनके कलाकार बच्चे) को इतना प्यार मिलता है। वे लोग अक्सर आकर कहते हैं कि पापा आपकी इतनी गुडविल है कि हर जगह से हमें सिर्फ प्यार और रिस्पेक्ट मिलती है। मैं उनसे यही कहता हूं कि अपनी जिंदगी में मैंने कुछ तो अच्छा किया, जो मेरे बच्चों को ऐसा प्यार और इज्जत मिल रही है। वैसे आपने पुराने दिनों की याद दिलाकर मुझे जज्बाती कर दिया। (उनकी आंखें नम हो जाती हैं)
साठ पार हो जाने के बाद अब एक्शन करते हुए कितना दिल धड़का? कितना डर लगा?
आप जब जवान होते हैं तो निडर ज्यादा होते हैं , मगर बढ़ती उम्र की जिम्मेदारियां आपको सतर्क बनाती हैं। हम थोड़े डरपोक हो जाते हैं। जहां तक एक्शन की बात है, तो मैं सोच-समझकर एक्शन करता था, पूरी ट्रेनिंग के साथ। मेरी एक्शन की टीम काफी अच्छी थी। टीम में नए बच्चे थे, मगर उन्होंने इस भार को बखूबी संभाला। मुझ पर उन्हें पूरा यकीन था और सेट पर सभी तरफ से पॉजिटिव एनर्जी मिल रही थी, इसलिए काम काफी अच्छा हुआ। मेरे साथी कलाकारों में ईशा देओल, राहुल देव, बरखा, करणवीर शर्मा जैसे तमाम एक्टर्स का साथ बहुत खूबसूरत रहा।
क्या आप मानते हैं कि ओटीटी आपके लिए भी गेम चेंजर साबित हुआ है?
बिल्कुल। ओटीटी ने मुझे वापस आने का एक मौका दिया। वरना हम जैसे एक्टर्स को लोगों ने पूछना बंद कर दिया था। ये सच है कि ‘हेरा फेरी 3’, ‘आवारा पागल दीवाना 2’ जैसी फिल्में बन रहीं हैं, मगर कहीं न कहीं उसमें ओटीटी के ‘धारावी बैंक’ का कमाल भी है। ओटीटी को खूबसूरती यही है कि यहां कलाकार को एकदम अलग तरह का काम करने का मौका मिलता है, जिसकी कई परतें हैं और सभी गहरी हैं। ओटीटी पर आपको उम्र का बंधन नहीं सताता, किरदार का अपना दमखम होता है। अब जैसे ‘धारावी बैंक’ में मेरे धीर-गंभीर किरदार को काफी पसंद किया गया। कई बार दो-ढाई घंटे की फिल्म में आप अपने इमोशन को उस तरह से डिलीवर नहीं कर पाते। मगर वेब सीरीज में आप जब 8 एपिसोड्स की बात करते हैं, तो वक्त बहुत होता है किरदार को सजाने का।
‘हेराफेरी 3’ में अक्षय की वापसी की खबर थी। संजय दत्त भी इसमें नजर आने वाले हैं। अपने पुराने साथियों के काम करने का मौका मिलेगा?
बहुत खुश हूं, क्योंकि सब सॉल्व हो गया है। अब बाबा (संजय दत्त) भी इसमें आ गए हैं, तो इसमें चार चांद लग गए हैं। बाबा कमाल के एक्टर हैं। जब कॉमिडी की बात आती है, तो बाबा नंबर वन साबित होते हैं। मैं ‘हेरफेरी 3’ को लेकर बहुत एक्साइटेड हूं।
आपकी बेटी अथिया की शादी के बाद पिता के रूप में और कितनी जिम्मेदारी महसूस करते हैं, क्योंकि अब आपके साथ के एल राहुल का परिवार भी है?
सच कहूं, तो कहीं न कहीं राहुल पहली फैमिली ही था। पहली नजर में देखते ही उसकी सादगी ने मुझे उससे बांध दिया था। वो मुझे अपने बेटे अहान जैसा प्रतीत हुआ, वाकई वो मेरे लिए है भी बिल्कुल अहान जैसा ही। अंतर्मुखी, शांत, जमीन से जुड़ा। यही वजह है कि जब लोग मुझसे पूछते हैं कि ससुर बन कर कैसा लगता है, तो मैं कहता हूं, वो रोल तो मुझे पता ही नहीं है। मैं तो राहुल का भी पिता ही हूं।मैं उसे उतना ही प्यार देता हूं, जितना अहान को देता हूं। हमने बहुत छोटी-सी शादी की, डर था कि लोग कहेंगे, हमें नहीं बुलाया, मगर लोगों ने इसे अप्रिशिएट किया। मैं अपनी बेटी की शादी को निभाने की जिम्मेदारी पूरी कर पाया। मैं खुश हूं, घर में बेटा आया।
आपके बेटे अहान भी अब आपके अभिनय की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। वे भी आपकी तरह जमीन से जुड़े कलाकार हैं।
जी मैं यही चाहता हूं कि वो इंडस्ट्री में अच्छा काम करे। देखिए मैं अपने माता-पिता के साथ रहता हूं। अभिनय की ललक उसमें मुझसे आई, मगर संस्कार उसे अपने ग्रैंड पैरेंट्स से मिले। वो कहते हैं न मूल से सूद ज्यादा प्यारा होता है और सूद को मेरे मां-बाप ने जैसे संभाला है, वो बहुत अद्भुत है। हमेशा याद रखिएगा, बच्चे देखकर सीखते हैं, बोलने से नहीं। आज मेरी मां 80 साल की हो गई हैं, मगर उनके चेहरे का तेज देखते बनता है। माना (उनकी पत्नी ) भी बच्चों को बहुत सारा वक्त देती है और इन सब कारणों ने मेरे बच्चे अपने मूल्यों से जुड़े हैं।
माना से आपकी शादी को 30 साल से ज्यादा हो गए। बीते सालों में आप लोग एक-दूसरे को कितना कॉम्प्लिमेंट करते हैं?
शादी को जब बहुत साल हो जाते हैं, तो कपल भाई-बहन की तरह हो जाते हैं। इतने सालों में साथ रहते हुए, एक-दूसरे को बहुत समझने लगते हैं। कई बार मैं और माना अनइंटेंशनली कपड़े भी एक ही रंग के पहन लेते हैं। माना के साथ ने जिंदगी के हर पड़ाव को खूबसूरत बनाया। अब देखिए न, हम लोग दादा-दादी बनने का इंतजार कर रहे हैं। हम दोनों दोस्त हैं और एक-दूसरे को बेहिचक अपने दिल की बात कह देते हैं। माना कहीं नहीं जाती, तो मैं भी नहीं जाता। उसके बगैर मुझे अधूरा महसूस होता है। उसका जो हाथ है, न, वो मुझे हमेशा जकड़े रखता है। एक आदत-सी हो गई है, और जब माना साथ नहीं होती, तो अथिया मुझसे पूछती है, पापा आपका वो जकड़ कर रखने वाला हाथ कहां है? हमारा रिश्ता बेहद खूबसूरत है।