SUP Ban: कैसे दें ग्राहकों को गोलगप्पे का पानी, भटूरे के लिए छोले; असमंजस की स्थिति बरकरार

कमला नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गुप्ता ने कहा है कि व्यापारियों में एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लगभग सभी दुकानों में कैरी बैग के अलावा भी बहुत सा सामान ऐसा है जो प्लास्टिक के बिना नहीं बेचा जा सकता।

एकल उपयोग प्लास्टिक बैन पर लोगों का नहीं मिल रहा समर्थन
एकल उपयोग प्लास्टिक बैन पर लोगों का नहीं मिल रहा समर्थन – फोटो : अमर उजाला

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एकल इस्तेमाल वाले प्लास्टिक पर पाबंदी लग गई है। इसे लेकर व्यापारियों में असमंजस की स्थिति हो गई है। बाजार में कई ऐसे सामान हैं जिसे दुकानदार कैरी बैग में बिक्री नहीं कर सकते। इसका विकल्प भी बाजार में उपलब्ध नहीं है। ऐसे में कमलानगर बाजार एसोसिएशन ने प्रशासन ने पूर्णत: पाबंदी लगाने के लिए विकल्प उपलब्ध कराने की मांग की है। दूसरी तरफ सरोजनी नगर मार्केट एसोसिएशन ने रेहड़ी-पटरी पर धड़ल्ले से प्लास्टिक बैग में सामान की बिक्री करने वालों लगाम लगाने की मांग की है। 

कमला नगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के प्रधान नितिन गुप्ता ने कहा है कि व्यापारियों में एक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। लगभग सभी दुकानों में कैरी बैग के अलावा भी बहुत सा सामान ऐसा है जो प्लास्टिक के बिना नहीं बेचा जा सकता। मसलन गोलगप्पा विक्रेता पानी कैसे पैक करके लोगों को देगा, ड्राई क्लीन वाला कपड़े कैसे कवर करके ग्राहकों को देगा, कपड़े, खिलौने, बेड शीट, खानपान की सामग्री, बिस्किट, मैगी, दूध किस प्रकार से बेची जाएंगी। गुप्ता ने कहा कि अभी तक इन सभी का कोई भी विकल्प बाजार में नहीं आया है। अभी विभाग भी समस्याओं का समाधान नहीं मुहैया करा पाया है। 

सरोजनी नगर मार्केट एसोसिएशन के अशोक रंधावा ने एक फोटो सांझा कर बताया कि पटरी पर लगने वाले बाजार में प्लास्टिक के थैले धड़ल्ले से दिए जा रहे हैं। सरकारी एजेंसी को चालान करने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि बाजार में जागरूकता लाने के लिए होर्डिंग लगाया गया है। स्थायी दुकान प्लास्टिक के बैग में किसी को सामान नहीं दे रहे हैं लेकिन पटरी बाजार खुलेआम प्लास्टिक का थैला दे रहा है। इस पर रोक लगनी चाहिए। 

फेडरेशन ऑफ सदर बाजार ट्रेडर्स एसोसिएशन के चेयरमैन परमजीत सिंह पम्मा ने कहा है कि पटरी बाजार के खिलाफ सदर बाजार में कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को एक पत्र भेज कर एक इस्तेमाल वाले प्लस्टिक पर प्रतिबंध के कार्यान्वयन के लिए बाध्यकारी तरीकों के बजाय एक सुलह के दृष्टिकोण अपनाने की मांग की है। चरणबद्ध तरीके से पाबंदी लगनी चाहिए। यह भी आग्रह किया है कि संबंधित विभागों को निर्देश दें कि वे किसी भी व्यापारी या इकाई के खिलाफ कम से कम प्रथम वर्ष के लिए कोई कठोर कार्रवाई न करें। बड़े पैमाने पर उपयोग या तो सामानों की पैकेजिंग में होता है क्योंकि इसकी कीमत मामूली और आसानी से उपलब्ध है जबकि अभी तक समान विकल्प या तो उपलब्ध नहीं हैं या फिर सिंगल यूज प्लास्टिक की कीमत की तुलना में काफी महंगे हैं।