Good News: बिहार के ‘सुपर-30’ की कहानी से तो आप वाकिफ होंगे। फिल्मी पर्दे पर आने के बाद तो हर कोई गरीब परिवारों के प्रतिभावान बच्चों का जीवन संवारने वाले आनंद कुमार के प्रयासों का मुरीद है। लेकिन राजस्थान में एक सरकारी स्कूल के टीचर ने यहां के आदिवासी इलाके में ऐसी ही ‘सुपर-38’ क्लास तैयार की है। इस क्लास के आदिवासी बच्चे अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोलते हैं। पढ़ें टीचर अखिलेश गालव की ये कहानी
बारां: देश में शिक्षा को लेकर नए नए प्रयोग सामने आ रहे हैं। सरकार एमबीबीएस स्टूडेंट को अंग्रेजी के साथ हिंदी माध्यम से भी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी कर आने की तैयारी कर चुकी, तो राजस्थान के सहरिया आदिवासी जनजाति के लिए पहचान रखने वाला बारां जिला शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा रोल मॉडल बनने जा रहा है। हम यह बात इसलिए कर रहे हैं। क्योंकि जहां गांव के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ठीक से हिंदी नहीं बोल पाते। देहाती बोली बोलते हैं। यहां के सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अंग्रेजों की तरह फर्राटेदार इंग्लिश बोल रहे हैं। इस बात का प्रत्यक्ष प्रमाण सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो बना है। यह वीडियो बारां जिले के छिपाबड़ोद ब्लॉक के उदयपुरिया गगचाना के सरकारी स्कूल के बच्चों का है। इसमें इंग्लिश में आपस में बातचीत कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर सरकारी स्कूल के बच्चों के अंग्रेजी बोलते सुनकर लोग दंग हैरान हैं। लोग वीडियो को काफी पसंद भी कर रहे हैं। लोग अचरज में भी पड़ रहे हैं। और स्कूल टीचर की तारीफ भी करते थक नहीं रहे। जबकि अब तक बारां जिले को सहरिया आदिवासी जनजाति पिछड़ा क्षेत्र के रूप में ही जाना जाता आया है। लेकिन अब यहां के बच्चें इस पिछड़ेपन को खत्म करने की कसम खा चुके, वो भी अपने टीचर के साथ। जो अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं।
विफलता से टीचर ने लिया सबक, बच्चों को दिया अवसर
एनबीटी ने मामले की जांच पड़ताल की तो सामने आया कि यहां पढ़ाने वाले टीचर अखिलेश गालव ने यह कमाल किया। टीचर गालव बताते हैं। वे कक्षा 6, 7, 8वीं के बच्चों को अंग्रेजी सब्जेक्ट पढ़ाते हैं। राज्य सरकार प्रदेश के शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार कर रही है। जमाने के साथ चलने के लिए सरकारी स्कूल स्टूडेंट्स को अंग्रेजी के शिक्षा मिले। सरकार ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खोलें। ऐसे में गालव ने कहा उनका खुद का मकसद था, महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल में जाकर पढ़ाने का। इंटरव्यू तक पहुंचे लेकिन किसी कारणवश उनका सिलेक्शन नहीं हो सका। लेकिन खुद को साबित कर दिखाने। स्कूल के बच्चों को अंग्रेजी ग्रामर पर कमांड करवाने। स्पोकन इंग्लिश बोलने में महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल के बच्चों से ज्यादा होनहार बनाने की योजना बनाई।
स्कूल समय के बाद बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास, और तैयार हुए ‘सुपर-38’
गुरु जी ने महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल की टक्कर की पढ़ाई स्कूल में स्कूल समय के बाद बच्चों की एक्स्ट्रा क्लास लेनी शुरू की। गुरुजी ने अपनी योजना के बारे में बताया और कहा कि स्कूल की कक्षा 6,7,8वीं में कुल 38 स्टूडेंट पढ़ते हैं। उनका पहले टेस्ट लिया। उसके अंक के आधार पर उनके तीन बेच बनाएं। अभी पहले बेच के बच्चों को 3 माह से ज्यादा समय से वे पढ़ा रहे हैं। जिसका ही सुखद परिणाम यह है कि स्कूल समय के बाद विद्यालय परिसर में निस्वार्थ भाव से टीचर से मिल रही एक्स्ट्रा क्लास का लाभ लेते स्कूली बच्चे अंग्रेजी ग्रामर में श्रेष्ठ होते जा रहे हैं।
‘जमाने के साथ चलना है तो अंग्रेजी जरूरी’
इंग्लिश भी फर्राटेदार बोल रहे हैं। एनबीटी से बातचीत करते टीचर अखिलेश गालव ने कहा कि वे अपने स्कूल के बच्चों को राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों। वहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए रोल मॉडल बना देंगे। टीचर ने कहा जमाने के साथ चलना है तो अंग्रेजी जरूरी है। गौरतलब है कि राजस्थान में राज्य सरकार ने 1206 महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल खुले हैं। स्कूलों को बारां जिले का उदयपुरिया गगराना राजकीय उच्च प्राथमिक स्कूल और इसके कक्षा 6,7,8 वीं के बच्चे अंग्रेजी में अपना लोहा मनवाने को तैयार हैं।