कई एफआईआर को साथ जोड़ने की नुपुर शर्मा की याचिका पर विचार करने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, की यह तल्ख टिप्पणी

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि शर्मा की ‘बेकाबू जुबान’ ने पूरे देश में आग लगा दी है। उदयपुर में एक दर्जी की निर्मम हत्या से संबंधित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए वह अकेले जिम्मेदार है।

सांकेतिक तस्वीर।

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को निलंबित भाजपा प्रवक्ता द्वारा पैगम्बर मोहम्मद के खिलाफ की गई टिप्पणी को परेशान करने वाला बताते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी ने पूरे देश में आग लगा दी है। शीर्ष अदालत ने तो यहां तक कह कि उनका गुस्सा उदयपुर में हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए जिम्मेदार है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए नूपुर अकेले जिम्मेदार हैं।

शीर्ष ने इन तल्ख टिप्पणियों के साथ निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा की उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया जिसमें पैगंबर मोहम्मद पर एक टीवी चैनल की बहस में उनकी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज की गई कई प्राथमिकियों को एकसाथ जोड़ने की मांग की गई थी। 

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि शर्मा की ‘बेकाबू जुबान’ ने पूरे देश में आग लगा दी है। उदयपुर में एक दर्जी की निर्मम हत्या से संबंधित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के लिए वह अकेले जिम्मेदार है। पीठ ने यह कहते हुए कि नूपुर की याचिका को खारिज कर दिया कि हमारी अंतरात्मा संतुष्ट नहीं है। पीठ का रुख भांपते हुए नूपुर के वकील ने याचिका वापस ले ली ताकि वैकल्पिक उपचार के लिए जाया जा सके। जिसके बाद पीठ ने याचिका वापस लेने की इजाजत दे दी।
सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने नूपुर के बयान को परेशान करने वाला बताते हुए कहा ‘इस तरह की टिप्पणियों करने का क्या मतलब है।’ न्यूज चैनलों में होने वाले बहस के तौरतरीको पर सवाल उठाते हुए शीर्ष अदालत ने कहा, ‘इस मामले पर चर्चा करने का टीवी चैनल का क्या मतलब है, जो मामला अदालत में विचाराधीन है। नूपुर शर्मा की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि नूपुर के खिलाफ अलग-अलग स्थानों पर दर्ज एफआईआर को जोड़ दिया जाना चाहिए, जैसा कि अर्नब गोस्वामी के मामले में किया गया था।

वरिष्ठ वकील सिंह ने प्रस्तुत किया कि वह पहले ही टिप्पणियों के लिए माफी मांग चुकी हैं और टिप्पणियों को वापस ले लिया है। जिस पर पीठ ने अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए कहा, ‘उन्हें टीवी पर जाकर देश से माफी मांगनी चाहिए थी। सिंह ने बताया कि टिप्पणी करने के अगले ही दिन नूपुर ने माफी मांग ली थी।
अदालत ने पलटवार करते हुए कहा, ‘वापस लेने में बहुत देर हो चुकी थी और उन्होंने सशर्त माफी मांगी थी कि अगर भावनाओं को ठेस पहुंची है तो…। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा, ‘नूपुर की शिकायत पर एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया लेकिन कई प्राथमिकी के बावजूद उसे अभी तक दिल्ली पुलिस ने छुआ नहीं है। उसे छूने की हिम्मत कोई नहीं कर पा रहा है।….रेड कारपेट बिछाया जा रहा है।’

सिंह ने कहा कि टीवी डिबेट में शामिल एक व्यक्ति द्वारा द्वारा उकसाया गया था। इस पर पीठ ने कहा, ‘अगर आप किसी पार्टी के प्रवक्ता हैं तो इस तरह की बातें कहने का आपको लाइसेंस नहीं मिल जाता।’ पीठ ने यह भी कहा कि अगर डिबेट का दुरुपयोग हुआ था तो आपको पहली चीज यह करनी थी कि आपको एंकर के खिलाफ एफआईआर करनी चाहिए थी।

सुनवाई के दौरान वरिष्टग वकील ने यह भी कहा कि नूपुर को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटवार करते हुए कहा, ‘उसे(नूपुर) खतरा है या उसके बयान से देश खतरे में पड़ गया है।

27 मई को टीवी  डिबेट में कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद भाजपा की प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। नूपुर की टिप्पणी के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं और पूरे देश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। बाद में नूपुर के खिलाफ दिल्ली, मुंबई और कोलकाता सहित विभिन्न स्थानों पर प्राथमिकी दर्ज की गई।