नई दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने विभिन्न राज्यों के प्राधिकारियों को एक समाचार चैनल के एंकर रोहित रंजन के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने से शुक्रवार को रोक दिया. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के वीडियो को ‘गलत संदर्भ में दिखाने’ के मामले में रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं.
एंकर रंजन ने सभी प्राथमिकियों को एक साथ नत्थी करने और कठोर कार्रवाई से संरक्षण दिए जाने का अनुरोध करते हुए याचिका दायर की है. इस याचिका पर शीर्ष अदालत ने अटॉर्नी जनरल के कार्यालय के जरिए केंद्र समेत कई पक्षों को नोटिस भी जारी किए. न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने याचिका पर नोटिस जारी करते हुए कहा कि इस बीच, प्रतिवादी प्राधिकारी एक जुलाई को प्रसारित कार्यक्रम के संबंध में याचिकाकर्ता को हिरासत में लेने की कठोर कार्रवाई नहीं करेंगे.
राहुल गांधी के वीडियो को गलत संदर्भ में दिखाने के मामले में रंजन के खिलाफ कुछ राज्यों में प्राथमिकी दर्ज की गई हैं. रंजन ने वीडियो प्रसारित होने के बाद माफी मांगी थी और इस समाचार कार्यक्रम को वापस ले लिया गया था. इंडियन एक्स्प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक मंगलवार को, छत्तीसगढ़ की एक पुलिस टीम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद शहर में एंकर को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए पहुंची, लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. हालांकि एंकर को मंगलवार की रात को जमानत पर रिहा कर दिया गया.
रायपुर में प्राथमिकी IPC की धाराओं के तहत दर्ज की गई थी, जिसमें 153A (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295A (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), 467 (जालसाजी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाजी) शामिल हैं. रंजन ने कथित अपराध के लिए दंडात्मक कार्रवाई से सुरक्षा की मांग करने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
वीडियो प्रसारित होने के एक दिन बाद एंकर रोहित रंजन ने गलती से राहुल गांधी के बयान को उदयपुर हत्याकांड से जोड़कर देखने के लिए माफी मांगी थी. रंजन ने उस शो की एंकरिंग की थी, जहां 1 जुलाई को राहुल गांधी का एक भ्रामक वीडियो प्रसारित किया गया था, जिसमें वायनाड में उनके कार्यालय पर एसएफआई हमले पर उनकी टिप्पणियों को उदयपुर में एक दर्जी की हत्या से जोड़ा गया था.