SC decision on EPF Pension Scheme 2014 : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू लिलित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने अपने फैसले में कई जरूरी बातें कही है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 के प्रावधान कानूनी और वैध हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने ईपीएफ पेंशन मामले में अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले का असर देश भर के कर्मचारियों पर पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना 2014 की वैधता को बरकरार रखा है लेकिन कोर्ट ने पेंशन फंड में शामिल होने के लिए 15,000 रुपये मासिक वेतन की सीमा को रद्द कर दिया है। 2014 के संशोधन ने अधिकतम पेंशन योग्य वेतन (मूल वेतन प्लस महंगाई भत्ता) को 15,000 रुपये प्रति माह पर सीमित कर दिया था। संशोधन से पहले अधिकतम पेंशन योग्य वेतन 6,500 रुपये प्रति माह था।
सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू लिलित, जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धुलिया ने अपने फैसले में कई जरूरी बातें कही है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि कर्मचारी पेंशन (संशोधन) योजना, 2014 के प्रावधान कानूनी और वैध हैं। पीठ ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने पेंशन योजना में शामिल होने के विकल्प का इस्तेमाल नहीं किया है, उन्हें छह महीने के भीतर ऐसा करना होगा।