Solar Eclipse 2022: सूर्य के साथ राहु का किसी भी प्रकार का संबंध सूर्य ग्रहण कहलाता है। इस बार सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को लग रहा है, जिसकी वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाई जाएगी। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को महत्व बताते हुए कुछ उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों के करने से जीवन में सभी कष्ट दूर होते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में…
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Surya Grahan 2022: 25 अक्टूबर दिन मंगलवार को सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है, इसी वजह से गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को मनाया जाएगा। भारत में यह ग्रहण 04 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और 05 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण तुला राशि में लगने जा रहा है और सूर्य की वजह से तुला राशि में चार ग्रहों की युति बनेगी। सूर्य के साथ तुला राशि में केतु, शुक्र और चंद्रमा भी विराजमान रहेंगे और चार ग्रह स्वाति नक्षत्र में भी स्थित होंगे। ग्रहण के इसी साए की वजह से दिवाली के तीसरे दिन गोवर्धन पूजन किया जा रहा है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण के अशुभ प्रभाव को दूर करने के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इन उपायों के करने से कुंडली में स्थित ग्रहों का दोष दूर होता है और जीवन में उन्नति के मार्ग प्रशस्त होते हैं। आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान कौन-से कार्य करना फलदायाक रहेगा।
सूर्य ग्रहण के समय ना करें यह चीज
सूर्य ग्रहण की वजह से वातावरण में नकारात्मक शक्तियां मौजूद रहती हैं, जिसकी वजह से खाने में अशुद्धियां बढ़ जाती हैं। लोगों को सलाह दी जाती है कि ग्रहण के समय खाने-पीने की चीजों से बचें। ऐसा करने से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव बढ़ जाता है। ग्रहण में बालक, वृद्ध और रोगी को छोड़कर किसी को भी भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के बाद करें ये दान
सूर्य ग्रहण के बाद लाल कपड़ा, तांबे के पात्र, मसूर दाल, गेंहू और लाल फल का दान करना बेहत उत्तम माना गया है। वैदिक सभ्यता के अनुसार ग्रहण के बाद इन चीजों का दान करने से कुंडली में मौजूद ग्रहों के सभी दोष दूर होते हैं और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही ध्यान रखें कि सूर्य ग्रहण को नंगी आंखों से ना देखें। ग्रहण के समय सूर्य से हानिकारक किरणें निकलती हैं, जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं।
सूर्य ग्रहण में ऐसे करें पूजा
सूर्य ग्रहण के समय मानसिक पूजा करनी चाहिए। मानसिक पूजा में ईश्वर को स्पर्श नहीं किया जाता, मन ही मन ईश्वर का ध्यान किया जाता है। इसके साथ ही आप ग्रहण के समय महामृत्युंजय मंत्र, आदित्य हृदय स्तोत्र, भगवान शिव के मंत्र आदि का जप कर सकते हैं। ऐसा करने से ग्रहण का अशुभ प्रभाव परिवार से दूर रहता है और ईश्वर की कृपा भी बनी रहती है।
सूर्य ग्रहण में पीपल की ऐसे करें पूजा
सूर्य ग्रहण के दिन सुबह स्नान व ध्यान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें और दूध और जल से पीपल की जड़ की सीचें। इसके बाद तेल का दीपक जलाएं और पांच तरह की मिठाई अर्पित करें। इसके साथ ही पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करें और मन ही मन ईश्वर का ध्यान या मंत्र जप करें और आशीर्वाद मांगे। ऐसा करने से परिवार से नकारात्मक शक्ति दूर रहती है और परिवार के सदस्यों की तरक्की होती है।
सूर्य ग्रहण के बाद इनकी पूजा फलदायी
सूर्य ग्रहण के बाद एक काली गाय को घर की चौखट पर लेकर आएं। ध्यान रहे कि काली गाय पर कोई और निशान ना हो। इसके बाद उसे 8 बूंदी के लड्डू और हरा चारा खिलाएं और परिवार समेत उसकी परिक्रमा करें। फिर काली गाय की पूंछ से अपने सिर पर आठ बार झाड़ लें। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और परिवार में खुशहाली बनी रहती है। साथ ही घर से ग्रहण का अशुभ प्रभाव भी दूर हो जाता है।