बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के ढाई साल बाद कूपर अस्पताल के मोर्चरी कर्मचारी ने कई चौंकाने वाले दावे किए जिसके बाद खलबली मच गई। रूरकुमार शाह ने जहां डॉक्टर्स पर सवाल उठा दिए । वहीं फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि दो साल बाद इस व्यक्ति ने ये दावे क्यों किए।
तुनिषा शर्मा सुसाइड केस के बीच बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में नया मोड़ आ गया है। कूपर हॉस्पिटल के मोर्चरी सर्वेंट रूपकुमार शाह ने चौंकाने वाला दावा किया है। सोमवार को उन्होंने दावा किया कि एक्टर ने सुसाइड नहीं किया था बल्कि उनकी हत्या हुई थी। अब इस सनसनीखेज दावे के बाद तमाम फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स ने साजिश रचने वालों पर गुस्सा जाहिर किया, जिसमें कहा गया कि अगर कर्मचारी इतने जानकार हैं, तो डॉक्टर और उनकी डिग्री किस काम की है? एक्टर की मौत के दो साल बाद, रूपकुमार शाह ने आरोप लगाया कि सुशांत सिंह राजपूत के शरीर और गर्दन पर कई निशान थे।
रूपकुमार शाह (Roopkumar Shah) ने बताया था कि जब अस्पताल में एक्टर Sushant Singh Rajput की बॉडी आई थी तब वह ड्यूटी पर थे। उन्होंने जब बॉडी देखी तो उन्हें गले पर हैंगिंग का मार्क दिखा लेकिन वो सुसाइड जैसा नहीं लग रहा था। उनके मुताबिक, वो ऐसा मार्क था जैसे खींचे जाने के बाद कोई तड़पता है और उससे निशान बनता है। इसके अलावा उनको पैर, हाथ और बॉडी के अलग हिस्सों में अलग-अलग तरह के निशान दिखाई दिए थे। मोर्चरी के कर्मचारी का दावा है कि एक्टर को मारने का ढंग एकमद अलग था। उन्हें वो निशान फ्रैक्चर जैसा लग रहा था।
सुशांत के केस में फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स का दावा
न्यूज पोर्टल मिड डे के मुताबिक, उन्होंने इन दावों के बीच फॉरेंसिक एक्सपर्ट्स से बात की। नाम न छापने की शर्त पर एक सीनियर एक्सपर्ट्स ने कहा, ‘दो साल बाद वह कह रहे हैं कि यह हत्या का मामला लगता है। अब तक वो वह कहां थे? उन्होंने यह पहले क्यों नहीं बताया? सबसे पहले, वह एक विशेषज्ञ नहीं है। शरीर चीड़-फाड़ के बिना तो एक फोरेंसिक डॉक्टर भी यह नहीं कह सकता कि अंदरूनी चोट थी या नहीं। मुझे नहीं लगता कि ये वैज्ञानिक रूप से सिद्ध होगा। व्यक्ति को यह साबित करने के लिए कुछ सबूत देने होंगे कि वह जो कह रहा है वह सच है। उन्हें जांच एजेंसियों से पहले इसका जिक्र करना चाहिए था। अगर उनके पास कोई तस्वीर या वीडियो रिकॉर्डिंग है, तो जांच एजेंसी दूसरे एक्सपर्ट्स के साथ इस मामले की पुष्टि कर सकती है।’
एक्सपर्ट्स ने उठाए रूपकुमार शाह के दावों पर सवाल
वहीं, दूसरे फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने कहा, ‘यह एक सुराग हो सकता है लेकिन यह सबूत नहीं हो सकता। जो भी व्यक्ति दावा कर रहा है उसका अन्य विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकन किया जाना चाहिए जिससे यह तय किया जा सके कि वो जो कह रहा है उसको वह समझ में आता है या नहीं।’ तीसरे एक्सपर्ट्स ने कहा, ‘अगर एक मोर्चरी कर्मतारी हत्या या आत्महत्या की पहचान कर सकता है, तो डॉक्टर और उनकी डिग्री का क्या मतलब है? डॉक्टरों को गलत दिखाना बेहद गलत है और इस तरह की चीजों को रोकने की जरूरत है।