सुशील कुमार मोदी ने नीतीश कुमार को नसीहत देते हुए कहा कि महा गठबंधन सरकार हर चीज को हिंदू-मुस्लिम के चश्मे से ना देखें और सम्राट अशोक के 2300 वर्ष पुराने शिलालेख को अतिक्रमण से मुक्त कराए। वहीं आरजेडी ने कहा कि सुशील मोदी एक दिन न बोले तो हो जाती है ‘अपच’।
नीलकमल, पटना: बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और वर्तमान में बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने रोहतास जिले के चंदन पहाड़ी पर मौर्यवंशीय सम्राट अशोक के 2300 वर्ष पुराने शिलालेख को अतिक्रमण से जल्द मुक्त कराने की मांग की है। उन्होंने नीतीश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो अशोक के वंशजों को शिलालेख मुक्त कराने के लिए ‘रोहतास चलो’ का कार्यक्रम घोषित करना पड़ सकता है।
समुदाय विशेष के मज़ार में बदला शिलालेख
सुशील मोदी ने कहा कि 1917 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इसे संरक्षित स्थल घोषित किया था। लेकिन 2005 में इसे अतिक्रमित कर गुफा के दरवाजे पर ताला लगा दिया गया। फिर इसे एक समुदाय विशेष ने पूजा स्थल में परिवर्तित कर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने 2005 के बाद बिहार सरकार को दर्जनों पत्र लिखें लेकिन इसे अतिक्रमण से मुक्त नहीं किया जा सका। सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में 2005 से गृह विभाग मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के जिम्मे है लेकिन उन्होंने कभी इसे अतिक्रमण मुक्त कराने का प्रयास नहीं किया।
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में BJP ने सम्राट अशोक की जयंती मनाना शुरू किया था और BJP के दबाव में ही सरकार ने सम्राट अशोक जयंती पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया था। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण को हिंदू-मुस्लिम की दृष्टि से देखना उचित नहीं होगा। देश की विरासत पर अतिक्रमण किसी भी धर्मावलंबी के द्वारा हो, उसे मुक्त कराना सरकार का दायित्व है।
सुशील मोदी एक दिन चुप रहे तो हो जाती है अपच : RJD
राजद के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने सुशील मोदी को बेचैन आत्मा करार दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सुशील मोदी रोज़ कुछ नहीं बोलें तो इनको अपच की बीमारी हो जाती है। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार तेजस्वी को सत्ता सौंपेंगे या नहीं, इसकी चिंता में भी सुशील मोदी को दुबले होने की ज़रूरत नहीं है। शिवानंद तिवारी ने कहा कि लगभग 50 साल पहले बिहार आंदोलन से अपनी राजनीति की शुरुआत करने वाले सुशील मोदी आज अपनी राजनीति की ढलान पर हैं।
RJD के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि नई उम्र के तेजस्वी की राजनीति तो अभी अपने उफान पर है। सुशील मोदी पद प्रतिष्ठा के लिहाज़ से अपने 50 वर्षों की राजनीतिक यात्रा में जो कुछ हासिल किया है वह सब तो तेजस्वी ने 33-34 वर्ष की उम्र में ही हासिल कर लिया है। इसलिए उनके सामने तो उड़ान के लिए सारा आकाश सामने है। सुशील मोदी भूल रहे हैं कि वे अब अतीत हैं तो तेजस्वी भविष्य। अब यह तेजस्वी पर निर्भर है कि वे अपने परिश्रम और लगन से अपनी क्षमता का कितना विस्तार करते हैं।