सुज़लॉन एनर्जी का राइट इश्यू लॉन्च! जानिए क्या होता है इसका मतलब और क्या है फायदा?

पिछले एक साल में इस शेयर ने लगभग 6 फीसदी का रिटर्न दिया है.

नई दिल्ली. सुजलॉन एनर्जी ने आज 1,200 करोड़ रुपये के राइट्स इश्यू लॉन्च कर रही है. सुजलॉन एनर्जी के सभी ऐसे शेयर होल्डर, जो इसे खरीदने के दायरे में आते हैं वे 21 शेयरों पर 5 राइट इश्यू शेयर खरीद सकते हैं. इस तरह शेयरों बिक्री से कंपनी 1,200 करोड़ रुपये जुटाएगी. नए शेयरों की लिस्टिंग 3 नवंबर को होगी, जबकि आवंटन की तारीख 31 अक्टूबर है.

स्टॉक एक्सचेंजों को दिए एक नोटिस में सुजलॉन एनर्जी ने कहा कि 3 रुपये के प्रीमियम के साथ नए शेयरों की फेस वैल्यू 2 रुपये है. इसलिए एक राइट्स इश्यू की कुल वैल्यू 5 रुपये तय की गई है. 11 अक्टूबर को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर सुजलॉन एनर्जी के शेयर की कीमत 7.40 रुपये के करीब है, इसलिए राइट इश्यू शेयर बाजार भाव से छूट पर दिए जा रहे हैं.

क्या होते हैं राइट्स इश्यू शेयर?
जब भी कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिए नए शेयर लेकर आती है तो उन शेयरों को राइट इश्यू कहा जाता है. राइट इश्यू खरीदने का पहला मौका मौजूदा ग्राहकों यानी कंपनी के मौजूदा शेयर होल्डरों को दिया जाता है. हालांकि, इन्हें खरीदने के लिए कंपनी कुछ शर्तें भी तय करती है. जैसे कि ग्राहक किस कीमत और किस अनुपात में राइट्स इश्यू खरीद सकेंगे. मान लीजिए कि किसी कंपनी के वर्तमान में 10,000 शेयर हैं. अब अगर आपके पास अकेले 5000 शेयर हैं, तो कंपनी में आपकी होल्डिंग 50 प्रतिशत बनती है. अब कंपनी 2000 शेयरों के राइट्स इश्यू जारी करती है, तो कुल शेयर 12,000 हो जाते हैं और अगर आप अतिरिक्त शेयर नहीं खरीदते हैं, तो आपकी होल्डिंग घटकर 41 प्रतिशत हो जाएगी. इसलिए कंपनी बाहरी लोगों से पहले पुराने शेयर होल्डरों को राइट्स इश्यू खरीदने का अधिकार देती है.

कम कीमत में मिल जाता है शेयर
शेयर होल्डर को सबसे बड़ा फायदा यह है कि उसे राइट्स इश्यू कम कीमत में मिल जाते हैं. जैसे की अभी सुजलॉन एनर्जी के एक शेयर की कीमत करीब 7.40 रुपये है और कंपनी शेयर होल्डर्स को राइट इश्यू  5 रुपये की कीमत के हिसाब से दे रही है. कुल मिलाकर कंपनी राइट इश्यू पर 10 प्रतिशत तक डिस्काउंट देती है. हालांकि शेयर होल्डर के लिए राइट इश्यू खरीदना जरूरी नहीं होता है. अगर उसे लगता है कि भविष्य में कंपनी की ग्रोथ अच्छी हो सकती है तो वह शेयर डिस्काउंट पर खरीदने के मौके का इस्तेमाल कर सकता है.

क्यों लाया जाता है राइट्स इश्यू और क्या होता है शेयर पर असर?
कई बार कंपनियां कारोबार के विस्तार या कर्ज के बोझ को कम करने के लिए भी भी ऐसा करती हैं? राइट्स इश्यू का कंपनी के शेयर वैल्यू पर सीधा असर पड़ता है. राइट्स इश्यू के बाद कंपनी का इक्विटी बेस बढ़ जाता है. इसके चलते स्टॉक एक्सचेंज में कंपनी के शेयरों की संख्या बढ़ जाती है. जैसा की ऊपर बताया गया है कि किसी भी शेयर होल्डर की कंपनी में प्रतिशत के हिसाब से होल्डिंग कम हो जाती है. हालांकि, वर्तमान शेयर होल्डर एक निश्चित अनुपात में ही राइट इश्यू खरीद सकते हैं, जिसका मतलब है कि कंपनी का मालिकाना हक उन्हीं लोगों के पास बना रहता है, जो पहले से मालिक थे.