T20 World Cup: सिलेक्शन न होने पर गुस्सा थे शमी, 100 गीली गेंदों पर निकाली भड़ास, दोबारा बने भारत के मैच विनर

Mohammed Shami: बांग्लादेश के खिलाफ पिछले मुकाबले में शमी को तपस्या का फल भी मिला। दो ओवरों के अपने पहले स्पेल में उन्होंने 21 रन दिए थे, जिसमें एक 16 रन का ओवर शामिल था। मगर बारिश के बाद मैच जब मुकाबला दोबारा शुरू हुआ तो पहली ही गेंद पर शांतो को आउटकर उन्होंने अपनी मेहनत का फल मिला।

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एडिलेड: पिछले एक साल से टी-20 टीम से बाहर मोहम्मद शमी खेलने के लिए मानसिक रूप से हमेशा तैयार थे क्योंकि टीम मैनेजमेंट और उनके बीच संवाद बना हुआ था। शमी ने आखिरी टी-20 इंटरनैशनल मैच पिछले साल यूएई में वर्ल्ड कप के दौरान खेला था जिसके बाद तय किया गया कि वह टेस्ट और वनडे ही खेलेंगे। जसप्रीत बुमराह के फ्रैक्चर, दीपक चाहर को लगी चोट और अवेश खान की खराब फॉर्म के कारण टीम मैनेजमेंट को मौजूदा टी-20 वर्ल्ड कप में शमी को बुलाना पड़ा।


बल्लेबाजों पर निकाल रहे गुस्सा
कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने बताया कि वर्ल्ड कप में न चुने जाने पर मोहम्मद शमी गुस्सा थे, लेकिन इसे जाहिर नहीं किया। पिछले साल हुए टी-20 वर्ल्ड कप में शमी का प्रदर्शन साधारण ही रहा था। मगर उन्होंने आईपीएल में धमाका किया। बुमराह के इंजर्ड होने पर ही उन्हें चुना गया। बदरुद्दीन बताते हैं कि, ‘फ्लड लाइट्स के नीचे ओस से भीगे मैदान वाले हालातों पर वह सटीक यॉर्कर्स मारना चाहता था। अमरोहा और मुरादाबाद के बीच पड़ने वाले अपने गांव सहसपुर, अलीनगर की खेतों में प्रैक्टिस की, जहां पिच और मैदान तैयार है।
रोजाना 100 गेंदें फेंकते थे

बदरुद्दीन ने बताया, ‘हमने लगभग 10 गीली गेंदें रखीं और वह बिना रुके गेंदबाजी करता था। गीली गेंद को पकड़ना मुश्किल होता है, यह वह जगह है जहां कौशल काम आता है। शमी को अपनी कला में महारत हासिल करने के लिए औसतन रोजाना सौ गेंदें फेंकनी पड़ी। अब देखिए, वह उसमें भी अच्छा कर रहा है’। इंग्लैंड दौरे के बाद से टीम से बाहर शमी को साउथ अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज के लिए टीम में शामिल किया गया, लेकिन फिर वह कोरोना संक्रमण का शिकार हो गए। शमी ने कहा, ‘एक फॉर्मेट से दूसरे के अनुकूल ढलना हमेशा आसान नहीं होता। यह इस पर निर्भर करता है कि टीम से आपका तालमेल कितना है। मैं पिछले टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टी-20 खेल रहा हूं और यह सही है कि खिलाड़ी को आत्मविश्वास की जरूरत होती है। इसके साथ ही अभ्यास बनाए रखना जरूरी है।’

पुरानी गेंद से भी प्रैक्टिस
पहले बदलाव के रूप में गेंदबाजी कर रहे शमी ने कहा, ‘इसे आप अनुभव कह सकते हैं कि मैं हमेशा तैयार रहता हूं। मैंने हमेशा नई गेंद से गेंदबाजी की है, लेकिन अभ्यास में मैं पुरानी गेंद से गेंदबाजी करता हूं। मैच के हालात में अच्छे प्रदर्शन के लिए आत्मविश्वास की जरूरत होती है। मेरा हमेशा से मानना है कि अपने हुनर पर भरोसा होना चाहिए। दबाव के पलों में शांत रहना जरूरी है और अनुभव तो काम आता ही है।’