एक्ट्रेस तापसी पन्नू की ‘दोबारा’ हाल ही में रिलीज हुई है। इसके प्रमोशन के बीच तापसी ने कहा कि बायकॉट अब एक मजाक बन गया है। इससे फर्क नहीं पड़ता।
बॉलीवुड एक्ट्रेस तापसी पन्नू एक ऐसी अदाकारा हैं, जिन्होंने अपने काम की वजह से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई है। उनका काम और जबरदस्त एक्टिंग ही है, जिसकी वजह से तापसी को बेहद पसंद किया जाता है। उनकी कुछ हालिया फिल्में वैसे तो कुछ खास कमाल नहीं कर पाईं लेकिन बावजूद इसके तापसी लगातार हर किसी की पहली पसंद बनी हुई हैं। अब, एक्ट्रेस अपनी ‘दोबारा’ लेकर आई हैं और इसके प्रमोशन में जमकर लगी हुई हैं। तापसी पन्नू ने हालिया इंटरव्यू में कहा कि सोशल मीडिया पर हाल ही में हिंदी फिल्मों का बायकॉट एक मजाक के अलावा और कुछ नहीं है, जो दर्शकों को कमजोर करता है।
परेशान नहीं होतीं तापसी
पन्नू (Taapsee Pannu), जिनकी फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप के साथ नई फिल्म ‘दोबारा’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया के रुझानों से परेशान होना बंद कर दिया है। पन्नू ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘अगर ऐसा कुछ रोजाना होता है, तो किसी का परेशान होना बंद हो जाता है। यह बेकार हो जाता है। मेरी एक फिल्म में ऐसा ही एक डायलॉग है।’
बायकॉट का ट्रेंड
उन्होंने कहा, ‘मैं इंडस्ट्री में दूसरों के बारे में बात नहीं कर सकती, लेकिन मेरे और अनुराग के लिए यह एक मजाक बन गया है।’ किसी फिल्म को बायकॉट करने वाले हैशटैग का चलन आमिर खान की ‘लाल सिंह चड्ढा’ से शुरू हुआ। सोशल मीडिया के चलन पर बात करने के लिए पूछे जाने पर आमिर ने कहा था कि वह बायकॉट से दुखी हैं और दर्शकों से उनकी फिल्म देखने का आग्रह किया। बाद में, अक्षय कुमार के ‘रक्षा बंधन’ के खिलाफ इसी तरह के हैशटैग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर आए। कुछ नेटिज़न्स ने ‘दोबारा’ के बायकॉट का भी आह्वान किया।
बायकॉट दर्शकों की बुद्धि को कम करता है
तापसी ने कहा, ‘अगर दर्शक पसंद करते हैं तो वे फिल्म देखने जाएंगे। अगर उन्हें पसंद नहीं है, तो वे नहीं जाएंगे। लेकिन बायकॉट करना दर्शकों की बुद्धि को कम करने जैसा है।’ पन्नू ने इन अफवाहों का खंडन किया कि ‘दोबारा’ 2018 की स्पेनिश फिल्म ‘मिराज’ पर बेस्ड है।
फिल्म कॉपी नहीं है
उन्होंने कहा, ‘हमारी फिल्म का कॉन्टेंट मार्च 2018 में तय किया गया थी, जबकि उस साल नवंबर में स्पेन की फोटो की घोषणा की गई थी। ‘दोबारा’ न तो कॉपी की गई है और न ही प्रेरित है। दुर्भाग्य से कोविड -19 आया और इसमें देरी हुई।’ मिस्ट्री ड्रामा इस बात के इर्द-गिर्द घूमती है कि कैसे अंतरा (पन्नू) नाम की एक महिला को एक 12 साल के लड़के की जान बचाने का मौका मिलता है, जो 25 साल पहले हुई आंधी के दौरान मौत का गवाह बना था।