भारत में विदेशी आक्रमणकारियों ने भारतीय ज्योतिष परंपरा को भी संस्कृत साहित्य और तत्कालीन दर्शन की तरह तहस नहस कर दिया था। बावजूद इस भारतीय दर्शन, धर्म, संस्कृति, साहित्य की एक खासियत यह रही कि वह लाख कोशिशों के बाद भी अपने को जैसे तैसे सहेजे रही। पेश है सोमदत्तContinue Reading