‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…’ इस कथन को झारखंड के दिव्यांग छोटेलाल उरांव साबित कर रहे हैं. छोटेलाल को आंखों से दिखाई नहीं देता है. बावजूद इसके वो खेतों में काम करते हैं, और अपने परिवार का पेट भर रहे हैं.Continue Reading

‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…’ इस कथन को झारखंड के दिव्यांग छोटेलाल उरांव साबित कर रहे हैं. छोटेलाल को आंखों से दिखाई नहीं देता है. बावजूद इसके वो खेतों में काम करते हैं, और अपने परिवार का पेट भर रहे हैं.Continue Reading