दास्तान-गो : ‘रोमांस के राजा’ यशराज चोपड़ा का दायरा सिर्फ़ इतने पर बंधा नहीं है
2022-09-27
दास्तान-गो : किस्से-कहानियां कहने-सुनने का कोई वक्त होता है क्या? शायद होता हो. या न भी होता हो. पर एक बात जरूर होती है. किस्से, कहानियां रुचते सबको हैं. वे वक़्ती तौर पर मौज़ूं हों तो बेहतर. न हों, बीते दौर के हों, तो भी बुराई नहीं. क्योंकि ये हमेशा हमेंContinue Reading