पिछले दशकों में भारत में सामाजिक-आर्थिक स्तर पर काफी बदलाव देखने को मिला है. इसके साथ ही समाज में आर्थिक विषमता भी बढ़ी है. अर्थशास्त्री इस ओर इशारा करते रहे हैं कि जहां जिनके पास धन है वे और धनवान हुए हैं, जबकि गरीब और गरीब! इच्छा और आकांक्षा कीContinue Reading