ऐसा माना जाता है, जो करे शर्म-उसके डूबे कर्म। ये बात, शहर के समीपवर्ती गांव तालों की रहने वाली 21 साल की अंजली ‘ईशा’ बखूबी जानती है। वो इस बात को भी भली भांति जानती है कि सरकारी नौकरी के पीछे दौड़ लगाना भी बेकार है। बेहतर है माता-पिता केContinue Reading