“शादी, उत्सव या त्योहार, लिज्जत पापड़ हो हर बार… कर्रम, कुर्रम…कुर्रम कर्रम……” आज भी जब कभी सुपरमार्केट में रखे अलग-अलग तरह के पापड़ पर नजर पड़ती है तो वही यादें ताजा हो जाती हैं. वहीं आंखें जब लिज्जत पापड़ को देखती हैं तो उनमें विश्वास और महिला सशक्तिकरण का भाव झलकताContinue Reading