इमेज स्रोत,FACEBOOK/IMRANKHANOFFICIAL पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास पर पिछले चार दशक से नज़र रखने वाले एक दोस्त मुस्कुराकर कहने लगे कि अबरार-उल-हक़ होते तो कहते, ‘थोड़ा जिया सियासत नूँ दे देव इस्लामी टच…’ बातचीत का केंद्र क़ासिम सूरी थे जिन्होंने तहरीक-ए-इंसाफ़ के हालिया मार्च में अपने भाषण के दौरान इमरान ख़ानContinue Reading

पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास पर पिछले चार दशक से नज़र रखने वाले एक दोस्त मुस्कुराकर कहने लगे कि अबरार-उल-हक़ होते तो कहते, ‘थोड़ा जिया सियासत नूँ दे देव इस्लामी टच…’ बातचीत का केंद्र क़ासिम सूरी थे जिन्होंने तहरीक-ए-इंसाफ़ के हालिया मार्च में अपने भाषण के दौरान इमरान ख़ान को सलाहContinue Reading